गोरखपुर। गीता प्रेस से हाल ही में हिंदी और गुजराती भाषाओं में प्रकाशित हुए सचित्र श्रीमद्भगवद्गीता अब चार अन्य नई भाषाओं में भी प्रकाशित होगा। इसमें गीता के श्लोक संस्कृत में और अनुवाद क्रमश: अंग्रेजी, मराठी बांग्ला और तेलगु में होगा। चारों ही भाषाओं में शुरू में तीन-तीन हजार प्रतियां छापी जाएंगी। चारों भाषाओं में प्रकाशित होने जा रही यह नई पुस्तक कुल 224 रंगीन पृष्ठों में होगी। इसमें कुल 129 चित्र होंगे। इसकी कीमत 250 रुपये होगी। इनमें अंग्रेजी और मराठी का कवर बनकर तैयार हो गया है। इन पुस्तकों की छपाई का कार्य अंतिम चरण में है। अगस्त में यह पुस्तक छपकर बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। वहीं बांग्ला और तेलगु पर काम चल रहा है। जापानी कोमोरी मशीन आ जाने के बाद अप्रैल महीने में पहली बार हिंदी भाषा में सचित्र श्रीमद्भगवद्गीता का प्रकाशन हुआ था। पहली बार तीन हजार प्रतियां छपी थीं। मांग बढ़ने के कारण जून महीने में ही उसका दूसरा संस्करण आया था, जिसमें कुल चार प्रतियां छपी थीं। इस दौरान जून में ही गुजराती भाषा में भी इसकी 3000 प्रतियां प्रकाशित हुई हैं। गीता प्रेस के उत्पाद प्रबंधक डॉ. लालमणि तिवारी ने बताया कि सचित्र गीता को अंग्रेजी, मराठी, बांग्ला और तेलगु भाषा छापने की तैयारी चल रही है। इनमें अंग्रेजी और मराठी छपकर लगभग तैयार है, बांग्ला और तेलगु पर काम चल रहा है। वहीं गोरखपुर के गीता प्रेस से प्रकाशित होने वाली विश्व विख्यात मासिक पत्रिका कल्याण के पाठकों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना संकट के बीच 24 मई से कल्याण पत्रिका के मई के अंक को पाठकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया गीता प्रेस प्रबंधन शुरु कर देगा। कल्याण के कुल 1.85 लाख पाठक हैं, अबतक 16.50 करोड़ से अधिक प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। यह पत्रिका अपने प्रकाशन के समय से ही पाठकों में काफी लोकप्रिय है। पिछले साल 94 वर्षों में पहली बार लॉकडाउन के चलते कल्याण के कुछ अंक प्रकाशित नहीं हो सके थे, लेकिन इस साल लॉकडाउन का असर कल्याण के प्रकाशन पर नहीं पड़ा है।लॉकडाउन के शुरुआती 11 दिनों तक गीता प्रेस बंद रहा। इसके बाद 10 मई से गीता प्रेस खुल गया जहां प्राथमिकता पर कल्याण की छपाई शुरू कर दी गई। अब थोड़े देर से ही सही लेकिन कल्याण के मई माह का अंक छपकर तैयार हो गया है। इसे डाक के माध्यम से पाठकों तक भेजने की प्रक्रिया 24 मई से शुरू कर दी जाएगी।