आजमगढ़। माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता और प्रवेश प्रक्रिया सुधारने के लिए शासन ने नए कदम उठाए हैं। विद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया की अब शासन में मॉनिटरिंग होगी। मौजूदा नए सत्र में जो प्रवेश होंगे उनका पूरा डाटा तैयार करके माध्यमिक स्कूलों को बोर्ड में भेजना होगा। राजकीय स्कूलों से लेकर सभी एडेड स्कूल इस नियम के दायरे में आएंगे। स्कूल खुलने के बाद इसकी समीक्षा भी डीआईओएस द्वारा की जाएगी। कम नामांकन वाले स्कूलों पर गाज भी गिरनी तय है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग के एडेड, वित्तविहीन और राजकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए शासन पूरी तरह से सख्त है। मौजूदा शैक्षिक सत्र में शिक्षा में सुधार के लिए शासन से अलग दिशा निर्देश जारी किए हैं। मगर अब शासन स्तर से जिले के सभी माध्यमिक स्कूलों की मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए जिले से प्रत्येक एडेड, वित्तविहीन और राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले शिक्षकों का डाटा मांगा गया है। स्कूलों में कितने टीचर हैं और पढ़ाई का स्तर क्या है इसकी पूरी रिपोर्ट विभाग से उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। आदेश में कहा गया कि ब्लॉक वार सभी स्कूलों का डाटा भेजा जाएगा। इनमें कितने छात्र और छात्राएं किस-किस कक्षाओं में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और नवीन शैक्षिक सत्र में कितने बच्चों के प्रवेश कक्षा छह, सात, आठ, नौ और 11 में कराए हैं, इसकी पूरी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा विभाग को स्कूलवार देनी होगी। आदेश मिलने के बाद स्कूलों के प्रधानाचार्यों से छात्र-छात्राओं का डाटा मांगना शुरू कर दिया है। प्रत्येक वर्ष शासन में इसकी समीक्षा होती है। विभाग के पास छात्र-छात्राओं का पूरा डाटा है और शेष डाटा स्कूल एवं कॉलेजों से मांगा जाएगा। शासन के आदेशों का पालन किया जाएगा। जल्द ही शासन में प्रत्येक स्कूल का डाटा भेज दिया जाएगा।