प्रयागराज। सरसों तेल में अब अन्य किसी प्रकार की मिलावट नहीं हो सकेगी। राइस ब्रांड, सूरजमुखी आदि के तेल भी नहीं मिलाए जाए जा सकेंगे। जून से ही ऐसे तेल की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पहले सरसों तेल में अन्य वनस्पतियों के तेल के मिश्रण की अनुमति थी, लेकिन इसे लेकर कई तरह की शिकायतों के बाद इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी कमलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अन्य खाद्य तेलों को मिश्रित कर बिक्री की अनुमति है, लेकिन सील पैक होना चाहिए। इसके अलावा 15 किग्रा से अधिक वजन के पैकेट की भी बिक्री की अनुमति नहीं होगी। नए नियम के परिपेक्ष्य में बृहस्पतिवार से जांच भी शुरू की गई। खाद्य तेलों में मिलावट की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसके अलावा दाल को चमकाने के लिए तेल के इस्तेमाल की भी शिकायतें हुई हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से इसके खिलाफ बृहस्पतिवार को अलग-अलग बाजारों में अभियान चलाया गया। इस दौरान अलग-अलग प्रतिष्ठानों से दाल के नौ तथा तेल के तीन संदिग्ध नमूने लिए गए। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी कमलेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि नमूने जांच के लिए लैब को भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभियान लगातार जारी रहेगा। अवैध तरीके से बालू डंप करने का एक और मामला सामने आया है। सुलेमसराय में जागृति विहार आवास योजना के पास बृहस्पतिवार को लाखों रुपये का बालू सीज किया गया। अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी लिखाई गई। जेल में बंद खनन माफिया और उसके गुर्गों की ओर से सुलेमसराय में अवैध बालू का कारोबार चलाया जा रहा था। इसकी शिकायत मिलने पर एसडीएम सदर विवेक चतुर्वेदी की मौजूदगी में पुलिस प्रशासन और खनन विभाग ने कार्रवाई की। हालांकि फोर्स के पहुंचने से पहले ही आरोपी फरार हो गए। वहां 11 जगहों पर अवैध तरीके से बालू डंप थे। खनन अधिकारी एमके पांडेय ने बताया कि इन स्थानों पर डंप 986 घनमीटर बालू सीज की गई। अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है। उन्होंने बताया कि जिनकी जमीन है उनके खिलाफ भी मुकदमा लिखाया जाएगा।