कानपुर। कानपुर चिड़ियाघर में तीन माह से खड़ी बाल ट्रेन को अगस्त में दौड़ाने की तैयारी है। इसमें प्रबंधन नियमों की अनदेखी कर रहा है। बस के पुराने डीजल इंजन को पांच लाख रुपये में सीएनजी में बदला जा रहा है। शासन का सख्त निर्देश है कि एक लाख रुपये से अधिक में कराए जाने वाले किसी भी कार्य के लिए सामान की खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से कराई जानी है।
दूसरी तरफ चिड़ियाघर प्रबंधन नियमों को ताक पर रखकर सीएनजी इंजन तैयार करा रहा है। निदेशक शेष नारायण मिश्रा ने सीएनजी इंजन की खरीदारी करने की जिम्मेदारी रेंजर दिलीप गुप्ता को दी थी। उन्होंने मेरठ से बस का पुराना डीजल इंजन बिना जेम पोर्टल के एक लाख रुपये से अधिक दाम में खरीद लिया। फिर कानपुर के ही एक इंजीनियर को तलाशकर इंजन को सीएनजी में बदलने का जिम्मा सौंप दिया। इंजीनियर डीजल इंजन को सीएनजी में बदलने में जुटे हुए हैं। इस इंजन को तैयार करने में पांच लाख रुपये का खर्च बताया जा रहा है। इसके लिए आठ सीएनजी सिलिंडर खरीदे जाएंगे। एक बार में चार सिलिंडर लगाए जाएंगे। पहले प्रबंधन ने इंजन को पूरी तरह से तैयार करने में तीन लाख रूपये खर्च होने की बात कही थी, अब पांच लाख खर्च होने का अनुमान है।