लखनऊ। प्रदेश में किसान अब बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर मालामाल हो सकेंगे। यह केंद्र सरकार की कुसुम योजना से संभव होगा। योजना के तहत प्रदेश के चार विद्युत वितरण निगमों में इसके लिए 24 उपकेंद्रों का चयन भी हो गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। योगी सरकार भी इस मुहिम में जुटी है। राज्य विद्युत नियामक आयोग के अनुमोदन के बाद 106 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजनाओं की स्थापना के लिए टेंडर भी हो चुकी है। योजना के तहत किसान 0.5 से लेकर दो मेगावाट तक सौर पावर परियोजनाओं की स्थापना कर सकेंगे। पर इसका लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनकी भूमि विद्युत उपकेंद्र के पांच किमी के दायरे में होगी। किसान खुद अपनी जमीन अथवा विकासकर्ता को लीज पर देकर सौर पावर प्लांट लगा सकते हैं। पर प्लांट के लिए जमीन बंजर या अनुपयोगी हो। पावर कॉर्पोरेशन इस्तेमाल के बाद बची बिजली किसानों से 3.70 रुपये प्रति यूनिट के दर से खरीदेगी। इसके लिए 25 साल का अनुबंध किया जाएगा। ऊर्जा विभाग का यह भी प्रस्ताव है कि अगर किसान किसी विकासकर्ता को जमीन देता है तो विकासकर्ता को मिलने वाले प्रति यूनिट टैरिफ में से किसान को 5 से 10 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।