लखनऊ। भारतीय वेदों की बहुमूल्य जानकारी को जनमानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से आईसीएएस लखनऊ केंद्र 15 अगस्त से वैदिक ज्योतिष शोध एवं अध्ययन केंद्र का शुभारंभ कर रहा है। केंद्र में ज्योतिष प्रवीण व ज्योतिष विशारद जैसे पाठ्यक्रमों की शुरूआत होगी। केंद्र के समन्वयक सूर्यकांत मिश्रा ने बताया कि ज्योतिष विद्या के छात्रों में महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने के लिए ग्रह से नक्षत्र (कुंडली का वृहद से सूक्ष्म की गहराई तक विश्लेषण) तक की यात्रा पारंपरिक कक्षा पद्धति (प्रणाली) के माध्यम से प्रारम्भ की जाएगी।
शुभारंभ जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की उपस्थिति में होगा। एक स्वस्थ सामाजिक व्यवस्था की स्थापना के लिए हमारे समाज के नैतिक मूल्यों को सुदृढ करना आवश्यक है। इस उद्देश्य के लिए ज्योतिषीय ज्ञान सहित वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार से बेहतर कोई उपाय नहीं है। शुरू होने वाले पाठ्यक्रमों में ज्योतिष प्रवीण ( ज्योतिष का छह महीने व एक साल का बुनियादी पाठ्यक्रम) व ज्योतिष विशारद (ज्योतिष का एक साल का अग्रिम पाठ्यक्रम) जो होरी, दीर्घायु आदि जैसे विषयों पर प्रकाश डालता है) नियमित पाठ्यक्रम ज्योतिष विशारद उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को अनुसंधान के लिए उन्नत विषयों में दक्ष करने के उद्देश्य से केंद्र द्विवर्षीय पाठ्यक्रम ज्योतिष भूषण भी प्रारम्भ करेगा। बुनियादी पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु उम्मीदवारों को एसएसएलसी परीक्षा या समकक्ष उत्तीर्ण होना आवश्यक है, साथ ही संस्कृत का बुनियादी ज्ञान लाभकारी सिद्ध होगा।