वाराणसी। सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा का दरबार श्रद्धालुओं से बम-बम हो उठा। सुबह से शुरू हुआ दर्शन पूजन का सिलसिला देर रात तक अनवरत जारी रहा। तीनों सोमवार से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होने के कारण व्यवस्था संभालने में सुरक्षाकर्मी और सेवादारों को मशक्कत करनी पड़ी। शयन आरती तक लगभग एक लाख से अधिक शिवभक्तों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। वहीं इंद्रदेव ने भी बाबा के भक्तों पर जलवर्षा करके राहत पहुंचाई। सोमवार को बाबा विश्वनाथ की भव्य मंगला आरती उतारी गई। मंगला आरती में 400 श्रद्धालु मौजूद रहे। मंगला आरती समाप्त होते ही बाबा दरबार में दर्शन पूजन आरंभ हो गया। रविवार की रात से ही श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने के लिए कतार में लगे रहे। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रद्धालुआें ने बाबा विश्वनाथ का झांकी दर्शन किया। दर्शन के लिए तय किये गए रास्तों पर लंबी कतार लगी रही। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया गया। हर बार की तरह इस बार भी लोगों को झांकी दर्शन ही मिलता रहा। गर्भगृह में किसी को जाने की इजाजत नहीं थी। जलाभिषेक के लिए द्वारों पर पात्र लगाए गए थे। उसी से जल और दूध सीधे बाबा के शिवलिंग पर पहुंच रहा था। दोपहर बाद श्रद्धालुओं का दबाव कम होता गया। सुबह नौ बजे तक 46500 शिवभक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई थी। दोपहर बाद हुई बरसात के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। बरसात में ही श्रद्धालु बैरिकेडिंग में डटे रहे। भदोही, जौनपुर, गाजीपुर तथा आसपास के गांव से काफी संख्या में कांवरियों की तरह केसरिया वस्त्र में भी शिवभक्त नजर आए। भदोही से आई युवाओं के डाकबम की टोली बाबा दरबार में दर्शन पूजन और जलाभिषेक के बाद प्रसन्न नजर आई। पदयात्रा के बाद भी चेहरे पर थकान नहीं थी, होठों पर बस हर-हर महादेव और बोल-बम का जयकारा गूंजता रहा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा की झांकी एक लाख रुद्राक्ष के दानों से सजाई गई। गर्भगृह में सायंकाल सप्तर्षि आरती के बाद परंपरानुसार बाबा का रुद्राक्ष से शृंगार किया गया। सावन के हर सोमवार बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की अलग-अलग रूप में शृंगार झांकी सजाई जाती है। पहले सोमवार को शंकर रूप, दूसरे सोमवार को शिव-शक्ति, तीसरे सोमवार को प्रभु की अर्द्धनारीश्वर झांकी सजाई गई थी। सावन पूर्णिमा पर शिव परिवार गर्भगृह में झूले पर विराजेगा। वहीं, शहर में जागेश्वर महादेव, बीएचयू विश्वनाथ, तिलभांडेश्वर, गौरी केदारेश्वर, रामेश्वर, आत्म वीरेश्वर, ऋणमुक्तेश्वर, कर्दमेश्वर, शूलटंकेश्वर महादेव सहित सभी शिव मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए कतार लगी रही। स्वतंत्रता दिवस का उल्लास बाबा दरबार में भी नजर आया। मंगला आरती के दौरान बाबा विश्वनाथ का तिरंगा स्वरूप में शृंगार किया गया था। तीन रंग के फूल और पत्तियों से बाबा विश्वनाथ का विग्रह सजाया गया।