वाराणसी। श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर काशी पुराधिपति सपरिवार झूले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। झूलनोत्सव पर बाबा का झूला श्रृंगार किया जाएगा। श्रृंगार के लिए बाबा की शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा का टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर विशेष पूजन किया जाएगा। नाट्यकोटक्षेत्रम का मंगलवाद्य दल और काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक पूजन में सम्मिलित होंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने महंत आवास से मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर साफ-सफाई व सुरक्षा के लिए मंदिर न्यास परिषद को पत्र लिखा है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा को लिखे गए पत्र की प्रतिलिपि मंडलायुक्त, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है। डॉ. कुलपति तिवारी ने बताया कि बीते साढ़े तीन सौ वर्षों से भी अधिक समय से चली आ रही लोक परंपरा के अनुसार बाबा के झूला श्रृंगार का उत्सव होगा। श्रीकाशी विश्वनाथ माता पार्वती और पुत्र गणेश के साथ झूले पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। श्रावण पूर्णिमा पर अपराह्न तीन बजे ही होने वाली सप्तर्षि आरती के उपरांत बाबा का झूला श्रृंगार किया जाएगा।
महंत आवास पर शिव परिवार का परंपरागत पूजन-अर्चन करने के उपरांत शिव, पार्वती और गणेश की रजत प्रतिमा 22 अगस्त को सायं सवा पांच से साढ़े पांच के मध्य साक्षी विनायक, ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर ले जाई जाएगी। शयन आरती के उपरांत बाबा की प्रतिमा, सिंहासन और झूला महंत आवास पर वापस लाया जाएगा।