गोरखपुर। बहुला चतुर्थी का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बहुला चतुर्थी व्रत का पर्व मनाया जाता है। इसे बहुला गणेश चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत और उपवास रखती हैं। काशी से प्रकाशित हृषिकेश पंचांग के अनुसार इस दिन तृतीया तिथि का मान शाम चार बजकर 26 मिनट तक, पश्चात चतुर्थी तिथि है। चंद्रोदय चतुर्थी तिथि में ही होगा। चंद्रोदय का समय रात्रि आठ बजकर 37 मिनट है। नक्षत्र उतरा भाद्रपद और चंद्रमा की स्थिति मीन राशि पर है। पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, इस दिन गायों की पूजा के साथ भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की भी पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन गाय के दूध से बने हुए पदार्थों का उपयोग करना वर्जित रहता है। मान्यता है कि बहुला चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। उनकी पूजा करने से सुख की प्राप्ति होती है और यह भी कहा जाता है कि बहुला चतुर्थी व्रत संतान को मान सम्मान और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला व्रत है। ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। दिन भर श्रीकृष्ण भगवान का चिंतन करें और शाम को गाय व बछड़े की पूजा करें। घर पर बनाए पकवान को पूजा के बाद गाय और बछड़े को खिलाएं।