गोरखपुर। कजरी तीज का पर्व बुधवार यानी आज मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु होने की कामना के साथ माता पार्वती की स्वरूप नीमड़ी माता की पूजा-अर्चना करती हैं। साथ ही अविवाहित लड़कियां अच्छा वर प्राप्त करने के लिए इस कजरी तीज का व्रत रखती हैं। कजरी तीज पूजन मुहूर्त:-कजरी तीज 24 अगस्त की शाम 4:06 बजे से लेकर 25 अगस्त की शाम 4:25 तक रहेगी। उदयातिथि से पूरे दिन का मान लिया जाता है इसलिए 25 अगस्त को सूर्यास्त तक कजरी तीज मनाई जा सकेगी। कजरी तीज व्रत की पूजन विधि:- ज्योतिषाचार्य पं. त्रियुगी नारायण शास्त्री के अनुसार, कजरी तीज के दिन नीमड़ी माता का पूजन किया जाता है। इन्हें माता पार्वती का ही रूप माना जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर निर्जल व्रत का संकल्प लें। भोग लगाने के लिए मालपुआ बनाएं।पूजन के लिए मिट्टी या गोबर से छोटा तालाब बनाएं। इसमें नीम की डाल पर चुनरी चढ़ाकर नीमड़ी माता की स्थापना करें। सोलह श्रृगांर कर माता का पूजन करें। नीमड़ी माता को हल्दी, मेहंदी, सिंदूर, चूड़िया, लाल चुनरी, सत्तू और मालपुआ चढ़ाएं। व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देकर करें। कजरी तीज का महत्व:- इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह व्रत उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान शंकर की कृपा से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं।