वाराणसी। बाजार में मिलने वाले इत्र में मिलावट की जांच आसानी से हो सकेगी। इसके लिए बीएचयू के सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर में आधुनिक मशीन लगाई जा चुकी है। बस इसमें लगे लेजर को इंस्टॉल करना बाकी है, इसके लिए अमेरिका से इंजीनियर आएंगे। अगले एक दो महीने में सीडीसी में जांच की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही बीएचयू देश में इत्र की जांच करने वाला पहला केंद्र होगा। इत्र में मिलावट की जांच के लिए अब तक कंपनियों की ओर से विदेशों में इत्र को भेजना पड़ता है। इसमें जहां अधिक समय लगता है, वहीं बड़ी धनराशि भी खर्च करनी पड़ती है। बीएचयू में इस सुविधा के शुरू होने से जहां मिलावट की जांच आसान हो जाएगी, वहीं बीएचयू की ओर से इसका प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। अब बीएचयू विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी के निर्देशन में चलने वाले सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर में मिलावट की जांच के लिए आईसोटोप रेशियो मॉस स्पेक्ट्रोमेट्री (आईआरएमएस) मशीन लग गई है। पिछले दिनों कन्नौज में इत्र निर्माण के केंद्र के निदेशक एसवी शुक्ला ने बीएचयू आकर मशीन के काम करने के बारे में जानकारी भी ली। मशीन लगने के बाद इसके इंस्टॉल कराने की तैयारी चल रही है। विज्ञान संस्थान (बीएचयू) के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इत्र में मिलावट की जांच करने वाला बीएचयू देश का पहला केंद्र होगा। मशीन लग गई है, बस लेजर के इंस्टॉल करने के बारे में भी अमेरिका के इंजीनियरों से बात चल रही है। जल्द ही जांच की सुविधा शुरू हो जाएगी।