दिल्ली के स्कूलों में 17 माह बाद पहुंचे बच्चे…

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण बीते 17 माह से बंद स्कूल बुधवार को खुल गए। स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के पहुंचने से रौनक लौट आई। थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क लगाने और सहमति पत्र देखने के बाद ही छात्रों को स्कूलों में प्रवेश दिया गया। पहले दिन कहीं एक भी छात्र स्कूल नहीं पहुंचा तो कहीं 100 से अधिक बच्चे कक्षाएं लेने आए। सुबह हुई तेज बारिश भी बच्चों की उपस्थिति में बाधा बनी। कक्षाओं में कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन किया गया। शिक्षक ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन कक्षाएं भी लेते नजर आए। कुछ स्कूलों में शिक्षकों ने बच्चों का स्वागत नाच-गाने और अन्य खेलकूद गतिविधियों के साथ किया। कहीं प्रार्थना सभा के बाद तनाव घटाने के लिए योग कराया गया।

डीएवी स्कूल, दरियागंज:- शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों को ही कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ प्रवेश दिया गया। भीतर जाते समय बच्चों की थर्मल स्कैनिंग की गई। प्रवेश द्वार पर ही सैनिटाइजर की व्यवस्था थी। हाथ सैनिटाइज करने और चेहरे पर मास्क लगा होने केे बाद ही कक्षाओं मेें जाने दिया गया। प्रार्थना सभा नहीं हुई और बच्चे सीधे कक्षा में गए। प्रिंसिपल रमाकांत तिवारी ने बताया कि पहले दिन चारों कक्षाओं में 20-25 बच्चे ही पहुंचे। स्कूल ने टाइम टेेबल इस तरह तय किया है कि ह्यूमेनिटीज के लिए 6 और साइंस के लिए 8 पीरियड रहें।

विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल (मयूर विहार):- स्कूल सुबह शुरू हो गया, लेकिन कक्षाओं में एक भी बच्चा नहीं पहुंचा। इसके बाद ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गईं। बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी कक्षा में आमंत्रित किया गया। प्रिंसिपल डॉ. सतबीर शर्मा ने बताया कि 9वीं से 12वीं तक की कक्षां सुचारु करने के लिए अभिभावकों के साथ बैठक की गई। हर कक्षा से 10 अभिभावकों को बुलाया गया। उनसे कक्षाएं शुरू करने पर सुझाव मांगे गए और उन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन की जानकारी दी गई। उन्हें स्कूल में बना आइसोलेश्न रूम भी दिखाया गया। साथ ही, बच्चों के बैठने के लिए सामाजिक दूरी के पालन संबंधी इंतजाम की भी जानकारी दी गई।

गांधी मेमोरियल सर्वोदय बाल विद्यालय, शाहदरा:- दोपहर की पाली में इस स्कूल के बाहर बच्चे प्रवेश करने के लिए सहमति पत्र दे रहे थे। सहमति पत्र नहीं होने पर उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। प्रवेश के समय पूरे अनुशासन का ध्यान रखा गया। जिन बच्चों ने हाथों में कड़े या अन्य सामान पहन रखा था, उन्हें उतारने के बाद ही जाने दिया गया। यहां भी थर्मल स्कैनिंग और हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही बच्चे कक्षाओं में पहुंचे।

राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय, किरण विहार:- स्कूल के गेट के बाहर ही सैनिटाइजेशन मशीन लगाई गई थी। गेट पर स्कूल कर्मचारी थर्मल स्कैनिंग के बाद बी अंदर प्रवेश दे रहे थे। इस कारण गेट के बाहर छात्रों की लंबी लाइन लगी थी। कक्षाओं में उन्हें एक सीट छोड़कर बिठाया गया। इसकी व्यवस्था पहले ही कर दी गई थी। शिक्षक बच्चों को मास्क न उतारने की सलाह दे रहे थे। इसके बाद ही पढ़ाई शुरू हुई।

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