वाराणसी। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील में (एमडीएम) कभी खराब भोजन परोस दिया जाता है, तो कभी खाने में कीड़े मिलते हैं। कई बार बच्चे बीमार होते हैं और कभी हालत गंभीर होने पर बात मृत्यु तक पहुंच जाती है। बीते शनिवार को एक प्राथमिक विद्यालय में एमडीएम की थाली से दुर्गंध आ रही थी और उसी में बच्चे को खाना परोस दिया गया था। खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आ गया है। बीएसए राकेश सिंह ने आदेश दिया है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को देने से पहले एनजीओ का खाना प्रधानाध्यापक और रसोईयां चखेंगे। गुणवत्तापूर्ण भोजन के बाद ही उसे बच्चों को परोसा जाएगा। वहीं, एमडीएम की गुणवत्ता पर शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों की माताओं की भी नजर रहेगी। बच्चों को भोजन दिए जाने से पहले विद्यालय प्रबंध समिति में शामिल बच्चों की मां उसकी जांच करेंगी। इसके बाद बच्चों को वह भोजन दिया जाएगा। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि विद्यालयों में मिड डे मील को लेकर आ रही शिकायतों को देख गुणवत्ता में सुधार की पहल की है। जिसमें प्रधानाध्यापक व बच्चों के अभिभावक एमडीएम की जांच करेंगे।