नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने चीन की उस आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उसने चार देशों के गठबंधन क्वाड को एक प्रकार का एशियाई नाटो करार दिया था। विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह जरूरी है कि वास्तविकता को ‘गलत ढंग से पेश’ नहीं किया जाए। दोनों देशों के विदेश और रक्षामंत्रियों के बीच हुई पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता के बाद चीन द्वारा क्वाड समूह को एशिया का नाटो कहे जाने पर जयशंकर ने कहा कि हम खुद को क्वाड कहते हैं और यह एक ऐसा मंच है जहां चार देश अपने फायदे और दुनिया के लाभ के लिए सहयोग करने आए हैं। उन्होंने कहा कि क्वाड मौजूदा समय में टीके, आपूर्ति शृंखला, शिक्षा और संपर्क जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। एस जयशंकर ने कहा कि वह इस तरह के मुद्दों और नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) या ऐसे किसी अन्य संगठनों के बीच कोई संबंध नहीं देखते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि वास्तविकता को गलत तरीके से पेश न किया जाए। ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री मारिस पायने ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में फिर से नई ऊर्जा आई है। इसलिए क्वाड जैसे छोटे समूहों और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन या आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन) जैसे क्षेत्रीय मंच के जरिए काम करने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि क्वाड देश आसियान की केंद्रीयता के हिमायती हैं और हम आसियान के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हैं। हम हिंद-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण के व्यावहारिक कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक सकारात्मक और व्यावहारिक एजेंडा है। टीके, जलवायु, महत्वपूर्ण तकनीक के विषय पर काम करने के साथ महामारी के संबंध में दुनिया में गलत सूचनाओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। क्वाड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा अमेरिका व जापान शामिल हैं।