केरल। निपाह वायरस के संक्रमण से पिछले सप्ताह दम तोड़ने वाले 12 वर्षीय बच्चे के चार करीबी संपर्कों के नमूने निगेटिव आई है। हालांकि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि बच्चा को कैसे संक्रमण हुआ। हालांकि सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है ओर स्त्रोत का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को इसकी जानकारी दी। बताया कि इन 20 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अब तक कुल 108 की रिपोर्ट में निपाह वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। कोझिकोड में मृत संक्रमित लड़के के संपर्क में 200 से ज्यादा लोग आए थे। इन्हें आइसोलेट किया गया है। इनमें से कुछ में लक्षण मिले थे। हालांकि मृतक के अलावा अब तक किसी अन्य में इस घातक वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बच्चे के करीबी संपर्कों के चार नमूनों की पुष्टि के लिए फिर से परीक्षण किया गया। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बुखार की निगरानी के साथ हमारी फील्ड निगरानी जारी है। संक्रमण प्रभावित इलाके में भी जांचें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण के स्रोत की पहचान करना महत्वपूर्ण है और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे की निगरानी टीम विभिन्न क्षेत्रों से नमूने एकत्र कर रही है। उन्होंने कहा कि कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उच्च जोखिम वाले संपर्कों को अलग कर दिया गया है। उनकी हालत फिलहाल स्थिर है। यह महत्वपूर्ण है कि हम संक्रमण के स्रोत की पहचान करें। हम कोशिश कर रहे हैं। पुणे एनआईवी टीम विभिन्न हिस्सों से नमूने एकत्र कर रही है, ताकि पहचान की जा सके। इससे पहले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी शुक्रवार को कहा था कि उनकी सरकार ने बुखार निगरानी के तहत पांच सितंबर को घर-घर जाकर सर्वेक्षण कराया था। यह सर्वे निपाह वायरस से मरने वाले 12 वर्षीय बच्चे के घर से तीन किलोमीटर के दायरे में कराया गया था उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में कंटेनमेंट जोन के लगभग 15 हजार घरों को शामिल किया गया था और लगभग 68 हजार लोगों से जानकारियां एकत्र की गई थीं।