नई दिल्ली। ओला ऑटो कंपनी ने देश के मार्केट में ई-स्कूटर उतारने के बाद एक और बड़ी पहल की है। ओला के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि ओला की इलेक्ट्रिक स्कूटर की फैक्टरी पूरी तरह से महिलाओं द्वारा चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस फैक्टरी में 10 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। तमिलनाडु के ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर प्लांट का संचालन सिर्फ महिलाएं करेंगी। प्लांट में 10 हजार से ज्यादा महिलाओं को नौकरी मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यह सिर्फ महिलाओं द्वारा संचालित दुनिया का पहला सबसे बड़ा मोटर व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाविश अग्रवाल ने दावा किया कि यह दुनिया की सबसे बड़ी महिलाओं के द्वारा संचालित एकमात्र फैक्टरी होगी और दुनिया में अपनी तरह की एकमात्र ऑटोमोटिव निर्माण सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को आत्मनिर्भर महिला की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने कार्यबल को बढ़ा रही है क्योंकि इसकी फैक्टरी अभी अधिकांश ऑटोमोटिव कर्मचारियों की तुलना में कहीं अधिक उन्नत है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब ओला कंपनी के प्लांट में सभी कर्मचारी महिला हों। अग्रवाल ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हमने मुख्य विनिर्माण कौशल में उन्हें प्रशिक्षित और कुशल बनाने के लिए महत्वपूर्ण निवेश किया है, और वे ओला फ्यूचर फैक्टरी में निर्मित हर वाहन के पूरे उत्पादन के लिए जिम्मेदार होंगे। राइड-हेलिंग कंपनी, जो अपने आगामी उपभोक्ता इलेक्ट्रिक स्कूटरों को आक्रामक रूप से बढ़ावा दे रही है, उसने पिछले साल 2,400 करोड़ के निवेश की घोषणा की है, जिसे फ्यूचर फैक्टरी भी कहा जाता है। पहले चरण में कारखाने के एक मिलियन यूनिट की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ शुरू होने की उम्मीद है और मांग बढ़ने पर यह दोगुना होकर दो मिलियन यूनिट तक हो जाएगा। ओला के मुताबिक इसकी क्षमता 10 मिलियन यूनिट होने की उसे उम्मीद है। ओला के चयेरमैन अग्रवाल ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सिर्फ महिलाओं को श्रम कार्यबल में समान अवसर मिलने से देश के सकल घरेलू उत्पाद में 27 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।