ऊर्जा निगमों में हड़ताल पर सख्ती के साथ नियुक्ति की भी हो रही है तैयारी
उत्तराखंड। ऊर्जा के तीनों निगमों में कर्मचारियों की हड़ताल का सामना करने के लिए निगम प्रबंधन और शासन ने भी कमर कस ली है। एक ओर जहां कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की सख्ती करने की तैयारी है तो दूसरी ओर निगमों में नियुक्ति और वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी खूब कसरत चल रही है। हड़ताल के बीच व्यवस्था बनाने के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड(यूपीसीएल) प्रबंधन ने हड़ताल के विकल्प के तौर पर असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियरों के पदों पर अस्थायी भर्ती निकाली है। यह भर्ती एक साल के लिए की जा रही है। भर्ती की विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह भर्ती पूर्ण रूप से अस्थायी और एक वर्ष के लिए होगी। भर्ती के लिए चार और पांच अक्टूबर को इंटरव्यू लिए जाएंगे। ऊर्जा निगमों में कर्मचारियों की हड़ताल का विकल्प तलाशने के लिए अधिकारियों ने ठेकेदारों से बात की। उन्हें वैकल्पिक तौर पर कर्मचारी उपलब्ध कराने को कहा गया। सूत्रों के मुताबिक, सभी ठेकेदार मिलकर महज 18 कर्मचारियों के नाम ही सुझा पाया। दूसरी ओर, हड़ताल पर वार करने के लिए अधिकारियों ने पेयजल निगम, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की ड्यूटी ऊर्जा निगमों में लगाने के आदेश जारी किए हैं। इन विभागों के कर्मचारियों का कहना है कि जो इंजीनियर सड़क बनाने का काम करता है, वह बिना प्रशिक्षण पावर हाउस कैसे चलाएगा। अधिकारियों का यह पैंतरा भी कामयाब होता नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि इस पर पेयजल निगम समन्वय समिति ने विरोध जता दिया है। तीनों ऊर्जा निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के आंदोलन करने की सूरत में सरकार ने एस्मा के तहत कार्रवाई की तैयारी कर ली है। यूजेवीएनएल के 189 कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के साथ ही पिटकुल और यूपीसीएल में भी एस्मा के तहत कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। अवकाश समाप्त होने के साथ ही एक ओर जहां सभी कर्मचारी नियत समय पर दफ्तर पहुंचे तो दूसरी ओर रविवार को दिनभर यूपीसीएल में सचिव ऊर्जा सौजन्या से लेकर तीनों निगमों के एमडी, निदेशक जुटे रहे। दिनभर आंदोलन को खत्म करने की तैयारियों पर बातचीत होती रही।