सफर पर निकली पहली वातानुकूलित कार्गो एक्सप्रेस
नई दिल्ली। बच्चों की नजर में छुक-छुक करके धुआं छोड़ते हुए चलने वाली ट्रेन अब उनकी पसंद का ख्याल भी रखेगी। पहली बार रेलवे बच्चों के मनपसंद चॉकलेट और नूडल्स को एक से दूसरी जगह पहुंचाएगी। इसी तरह पहली बार पार्सल वैन से बोतलबंद पानी का भी परिवहन ट्रेन के माध्यम से शुरू किया गया है। रेलवे अपनी पीस मील योजना के तहत छोटे व्यापारियों तक पहुंच बनाने के लिए कई कदम उठा रहा है। इस कड़ी में रेल मंत्रालय की नजर उन सभी चीजों पर है, जिनका लदान वह अब तक नहीं करता है। रेलवे चॉकलेट, चॉकलेट के लिए कच्चा माल, नूडल, सॉस व कपड़े के व्यापार को भी बढ़ावा देने में जुटा है। इस तरह के माल के लिए 20 कोच वाली एसी ट्रेन सान्हेवाल से यशवंतपुर के लिए चलाई गई है। इसमें 121 टन माल का लदान किया गया। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल के अनुसार ऐसा पहली बार है कि जब परंपरागत वातानुकूलित यात्री डिब्बों वाली किसी रेलगाड़ी को कार्गो के रूप में इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह, दिल्ली रेल मंडल ने व्यापारियों को सुविधाजनक सेवा प्रदान करने के लिए एक पीस मील योजना की शुरुआत की है। व्यापारियों को पहले पूरा रैक बुक करना पड़ता था। इस योजना के तहत छोटे व्यापारी भी माल की बुकिंग करा सकेंगे। दिल्ली रेल मंडल प्रबंधक डिंपी गर्ग ने बताया कि पहली बार दिल्ली रेल मंडल से बोतलबंद पानी को इस येाजना के तहत एक से दूसरी जगह पहुंचाया जा रहा है। गाजियाबाद स्टेशन से असम के शालचापरा स्टेशन (पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के लामडिंग मंडल) तक पीसमील वैगन में पानी की डिब्बाबंद बोतलों की लोडिंग कर संचालन किया गया।