नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आज से एंटी डस्ट अभियान शुरू हो रहा है। यह 29 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान सभी निर्माण कार्य करा रहे स्थलों पर धूल से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम होनी जरूरी है। ऐसा न होने पर निर्माण एजेंसियों के ऊपर 10 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी में उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को हर तरह से समाप्त करने के लिए पूरी कोशिश करेगी। इसके लिए आम नागरिकों का सहयोग भी जरूरी है, लेकिन जो एजेंसियां बड़े-बड़े निर्माण कार्यों में लगी है, उन्हें प्रदूषण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्हें निर्माण स्थलों पर एंटी डस्ट सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा, जिससे राजधानी को धूल से पैदा होने वाले प्रदूषण से बचाया जा सके। मंत्री ने कहा कि निर्माण स्थलों पर कोई धूल प्रदूषण पैदा न हो सके, इसकी निगरानी के लिए 31 विशेष टीमें गठित की गई हैं। यह टीमें विभिन्न निर्माण स्थलों का दौरा कर इस बात की चेकिंग करेंगे कि कहीं भी नियमों का उल्लंघन न किया जा सके। उन्होंने कहा कि नागरिक भी अपने स्तर पर इस बात की सूचना सरकार को पहुंचा सकते हैं। इसके लिए एक विशेष पोर्टल शुरू किया जाएगा, जिस पर नागरिक प्रदूषण से संबंधित अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि जो भी निर्माण एजेंसी पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करती हुई पाई जाएगी, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।