अगर खरीदने जा रहे हैं अपने सपनों का घर, तो इन चीजों का जरुर रखें ध्यान…
वास्तु। हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना खुद का घर हो। लोग दिन रात मेहनत करके इस सपने को पूरा भी कर लेते हैं और चाहते हैं कि नए घर के साथ ही उनका आने वाला जीवन भी सुख-समृद्धि और खुशहाली से भरा रहे लेकिन कई बार ऐसा होता है कि नए घर में प्रेवश के बाद जीवन में कलह-क्लेश और परेशानियां बढ़ने लगती हैं। परिवार में नकारात्मकता का वातावरण बनने लगता है। कई बार इसके पीछे का कारण वास्तु दोष होता है इसलिए यदि आप नया घर लेने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले वास्तु में बताई गई कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लेना बहुत आवश्यक होता है। ताकि आप घर खरीदते समय इन बातों को ध्यान में रखें और आपका आने वाला जीवन खुशहाल बना रहे। मुख्य द्वार की दिशा:- यदि आप बना बनाया घर खरीद रहे हैं, तो यह अवश्य देख लें कि मुख्य द्वार किस दिशा में बना हुआ है। वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा में दरवाजा होना सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिशा में ही सबसे अधिक खिड़की दरवाजे होने चाहिए। यह दिशा कुबरे की दिशा मानी गई है। इस दिशा का मुख्य द्वार आपके घर में सुख-समृद्धि, तरक्की, खुशहाली व सकारात्मकता लेकर आता है। जमीन खरीदते समय भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह दक्षिणमुखी न हो। घर खरीदते समय ध्यान रखें कि घर के ठीक सामने कोई खंभा, पेड़ या मंदिर आदि नहीं होना चाहिए। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि में रुकावट के साथ ही तरक्की के मार्ग में बाधाएं भी आती हैं। वास्तु के अनुसार वर्गाकार या आयताकार घर बहुत शुभ माने जाते हैं। घर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर कि कोई भी दिशा या कोना कहीं से कटा हुआ नहीं होना चाहिए। वास्तु के अनुसार घर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसमें सूर्य की रोशनी और हवा आने की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। सूर्य की रोशनी घर में आना बहुत आवश्यक होता है। यदि भूमि की खुदाई करते समय लकड़ी, भूसा कोयला या कपाल आदि निकलते हैं तो ऐसी भूमि शुभ नहीं मानी जाती है। यदि आपने जमीन खरीद ली है तो उचित वास्तु उपाय करवाकर ही उसपर घर बनवाना चाहिए। घर या जमीन खरीदते समय कि उस स्थान या बिलकुल आस-पास में कोई कुंआ, तालाब या खंडहर आदि नहीं होना चाहिए। वास्तु कहता है कि जिस भूमि पर कांटेदार पेड़ उगे हुए हो वहां पर मकान बनाना शुभ नहीं होता है।