162 मेधावी छात्राओं को सीएम ने स्मार्ट फोन देकर किया सम्मानित
उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की 162 मेधावी छात्राओं को स्मार्ट फोन देकर सम्मानित किया। उन्होंने बालिका दिवस पर छात्राओं के लिए मैत्रैयी नाम से बड़े स्तर पर मेंटरशिप कार्यक्रम जल्द शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत छात्राओं के भविष्य निर्माण के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जा रहा है। जिससे देश, दुनिया, रोजगार और कारोबार की जानकारी प्राप्त होगी। दुनिया के विषय विशेेषज्ञ इसमें सहायता करेंगे। स्मार्ट फोन इसमें छात्राओं के लिए सहायक साबित होगा। मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बचपन से दो बातें जीवन में अपनाई हैं। अनुशासित रहना और अपने वचन का पक्का रहना। आज का युग आईटी का युग है। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बढ़ा है। इसे देखते हुए हमने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के कक्षा 10वीं, 12वीं और डिग्री कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को निशुल्क मोबाइल टैबलेट देने का निर्णय लिया है और इसे जल्द पूरा किया जाएगा। सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, हर घोषणा को पूरा किया जाएगा। जो काम शुरू कर रहे हैं, उसे पूरा भी करेंगे। जो भी राहत पैकेज घोषित किए उनकी राशि लाभार्थियों के खातों में जानी शुरू हो गई है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि सरकार की ओर से बालिकाओं एवं महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। विभाग ने हर साल 50 हजार महिलाओं को महालक्ष्मी किट दिए जाने का लक्ष्य रखा है। जबकि बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत जिले एवं विकासखंड की 162 छात्राओं को स्मार्ट फोन दिए गए। कार्यक्रम में विधायक झबरेड़ा देशराज कर्णवाल ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने बालिका शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताया था। शिक्षा से ही महिला सशक्तीकरण संभव है। कार्यक्रम में सचिव हरि चंद्र सेमवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्र आदि मौजूद रहे। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि उत्तराखंड को देवियों की भूमि के रूप में पहचान मिले। मां गंगा, मां चंडी, पूर्णागिरी, मंशा देवी, मां लक्ष्मी, काली व मां सरस्वती यहां हैं। विभाग का प्रयास है कि देवियों की शक्ति से अपार उत्तराखंड को देवी की भूमि की पहचान मिले। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लड़का और लड़की में किसी तरह का भेदभाव नहीं होता ऐसा संदेश जाना चाहिए। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि बालिकाएं सशक्त होंगी तो समाज सशक्त होगा। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या को सबसे बड़ा पाप बताते हुए कहा कि जिस समाज में नारी को पूजते हैं, वहां कन्या भ्रूण हत्या सबसे बड़ा पाप है। हमें अपने विचारों को भी शुद्ध करना है। रुढिवादी मानसिकता से बाहर आकर लैंगिक समानता लानी है। यह केवल चिंतन मनन में ही नहीं बल्कि आचरण में भी दिखना चाहिए। राज्य सरकार बालिकाओं और महिलाओं को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, स्पर्श नैपकिन योजना ऐसी ही मुख्य योजनाएं हैं। इसी प्रकार वात्सल्य योजना सरकार की संवेदनशीलता को बताती है।