नई दिल्ली। सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को एक और राहत देते हुए स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए वित्तीय बैंक गारंटी (एफबीजी) की अनिवार्यता खत्म कर दी। दूरसंचार विभाग ने कहा कि इस क्षेत्र में अपने साहसिक सुधार एजेंडे के अनुरूप सरकार ने जारी अधिसूचना में भविष्य की नीलामी में स्पेक्ट्रम की सालाना किस्त की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एफबीजी जमा करने की आवश्यकता को खत्म कर दिया है। दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर एक सर्कुलर में कहा गया है कि भविष्य में होने वाली स्पेक्ट्रम नीलामी में सफल बोलीदाता के लिए एफबीजी जमा करने की जरूरत नहीं होगी। यह किस्तों की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए एक सालाना किस्त के बराबर होगी। इस कदम से नीलामी में शामिल होने के लिए पात्रता शर्तों की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी और प्रतिभागियों के पास पर्याप्त पूंजी होगी। इसके अलावा, नेटवर्क शुरू करने के लिए प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) जमा कराने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है। सरकार ने पिछले महीने दूरसंचार क्षेत्र के लिए कुछ बड़े सुधारों की घोषणा की थी। इन उपायों से क्षेत्र को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। दूरसंचार विभाग ने कहा कि भविष्य की नीलामियों में स्पेक्ट्रम 30 साल के लिए दिया जाएगा। इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से सिफारिशें ली जाएंगी। इनमें अग्रिम भुगतान की जरूरत, अग्रिम भुगतान के बाद रोक की अवधि, किस्तों की संख्या और अन्य तौर-तरीके शामिल होंगे। स्पेक्ट्रम की नीलामी सामान्य तौर पर प्रत्येक वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में होगी। हालांकि पिछली बोलियों में आवंटित रेडियो तरंगो के लिए इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। पिछली नीलामियों में आरक्षित मूल्य और बोलियां 20 साल की वैधता के अनुरूप थीं। उनमें आवंटित स्पेक्ट्रम की अवधि में कोई बदलाव नहीं होगा।