उत्तराखंड। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद संतों की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार गंभीर हो गई है। अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष और महामंत्री की सुरक्षा अब स्पेशल कमांडो करेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। आईबी के अधिकारियों ने जूना अखाड़ा पहुंचकर परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि से मुलाकात कर सुरक्षा को लेकर चर्चा की। अध्यक्ष और महामंत्री को उत्तराखंड सरकार से वाई प्लस सुरक्षा मिली है, लेकिन उत्तराखंड से बाहर जाने पर सुरक्षा में गिनती के सिपाही साथ रहते हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की प्रयागराज बाघंबरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने उनकी सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए। उनका शव कमरे में पंखे पर लटका मिला था। हालांकि सुसाइड नोट मिला था। मौत के कारणों की गुत्थी सीबीआई सुलझाने में लगी है, लेकिन अभी रहस्य बरकरार है। अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष का 25 अक्तूबर को प्रयागराज में चयन होना है। इसके साथ ही भारत सरकार अब अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं महामंत्री की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। दोनों ही पदाधिकारियों को स्पेशल फोर्स के कमांडो की सुरक्षा मिलेगी। कमांडो हर दम उनके साथ रहेंगे। परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने बताया कि उनकी ओर से सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से कोई वार्ता नहीं की गई, लेकिन सरकार स्वयं सुुरक्षा को लेकर गंभीर है। उन्होंने बताया कि आईबी के अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल जूना अखाड़े पहुंचा था। इस बीच उनकी सुरक्षा को लेकर लंबी चर्चा हुई। अधिकारियों ने ही केंद्र सरकार से सुरक्षा दिए जाने की जानकारी दी। श्रीमहंत हरि गिरि ने बताया कि उनको उत्तराखंड से वाई प्लस सुरक्षा मिली है। वे संत हैं, इसलिए सुरक्षा नहीं रखते हैं। केंद्र सरकार यदि सुरक्षा दे रही है तो इसमें वे कुछ नहीं कर सकते हैं।