हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में पीएचडी में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के दस्तावेजों की वेरिफिकेशन का 25 अक्टूबर को आखिरी दिन है, लेकिन एचपीयू ने स्नातकोत्तर के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं का परिणाम अभी घोषित नहीं किया है। केमिस्ट्री समेत कई विषयों की परीक्षाएं 27 सितंबर को खत्म हो चुकी हैं। अंतिम सेमेस्टर के सैकड़ों विद्यार्थियों ने सीयू से पीएचडी करने के लिए शोध पात्रता परीक्षा दी है, लेकिन प्रदेश विवि की ओर से परिणाम घोषित न करने से विद्यार्थियों का सपना टूट सकता है। एचपीयू से केमिस्ट्री, फिजिक्स, हिंदी, इंग्लिश, मैनेजमेंट, पत्रकारिता और बॉटनी समेत अन्य विषयों में स्नातकोत्तर कर रहे सैकड़ों विद्यार्थी केंद्रीय विवि से बार-बार दस्तावेजों की वेरिफिकेशन की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय विवि ने तीन सितंबर को शोध पात्रता परीक्षा ली थी। 10 सितंबर को इसका परिणाम घोषित किया। इसके बाद पात्रता परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को 11 सितंबर से 25 अक्टूबर तक स्नातकोत्तर, आरक्षित वर्ग और अन्य दस्तावेजों की वेरिफिकेशन करवाने का समय दिया गया। वेरिफिकेशन की यह तिथि अब सोमवार को खत्म हो रही है। केंद्रीय विवि के अधिकारियों का तर्क है कि वेरिफिकेशन की तिथि बढ़ाना मुश्किल है। नवंबर 2019 में भी केंद्रीय विवि धर्मशाला शोध पात्रता प्रवेश परीक्षा ले चुका है। कोरोना के चलते पीएचडी में पूर्व के वर्षों में दाखिले नहीं हो पाए। शोध पात्रता परीक्षा की मान्यता दो वर्षों तक होती है। ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जिन्होंने जेआरएफ और नेट की परीक्षा पास की है। अगर दस्तावेजों की वेरिफिकेशन में देरी होती है तो दो वर्ष तक पात्रता परीक्षा की मान्यता से दर्जनों विद्यार्थी बाहर हो सकते हैं। शोध पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके प्रदेश विवि शिमला के विद्यार्थियों ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सरकार से गुहार लगाई है कि इस समस्या का उचित समाधान निकाला जाए।