अरुणाचल प्रदेश। अगले दलाई लामा का चयन करने की प्रक्रिया में चीन को शामिल होने का कोई अधिकार नहीं है। यह बात अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग मठ के प्रमुख ग्यांगबुंग रिंपोचे ने रविवार को कही। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार धर्म में विश्वास नहीं करती है और अगले दलाई लामा का चयन तिब्बती लोगों के लिए पूरी तरह से एक आध्यात्मिक मामला है। जानकारी के मुताबिक भारत और चीन की सीमा के पास स्थित इस लगभग 350 साल पुराने मठ के प्रमुख रिंपोचे ने यह भी कहा कि चीन की विस्तारवाद की नीति का मुकाबला करना आवश्यक है और भारत को अपने पड़ोसी देश के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कड़ी निगरानी लगातार बनाए रखनी चाहिए। रिंपोचे ने कहा कि केवल वर्तमान दलाई लामा और तिब्बती लोगों को यह फैसला लेने का अधिकार है कि अगला तिब्बती आध्यात्मिक नेता कौन होगा और चीन इस मामले में कोई भूमिका नहीं निभा सकता है। तिब्बत के ल्हासा में स्थित पोटला पैलेस के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मठ के प्रमुख का यह बयान दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच आया है।