नई दिल्ली। भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने सोमवार को देश की सुरक्षा चुनौतियों की विस्तृत समीक्षा की। चार दिवसीय कॉन्फ्रेंस के शुरुआती दिन पूर्वी लद्दाख और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के सटे संवेदनशील इलाकों में स्थिति की भी समीक्षा की। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कमांडरों ने पिछले कुछ हफ्तों में केंद्र शासित प्रदेश में नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा हालात पर भी चर्चा की। इस दौरान सेना के शीर्ष कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में भारत की युद्धक तैयारियों और आकस्मिक चुनौती का जवाब देने की तैयारियों की समीक्षा की, जहां भारतीय और चीनी सैनिक पिछले 17 महीने से गतिरोध के दौर में हैं। हालांकि, दोनों ही पक्षों ने संघर्ष के कई बिंदुओं पर सैन्य वापसी का काम पूरा कर लिया है। साथ ही सेना में मानव संसाधन से संबंधित मुद्दों को लेकर सुधार और इनके उपायों पर भी चर्चा की गई। रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ इस कॉन्फ्रेंस को बुधवार को संबोधित कर सकते हैं। इसके अलावा इस कॉन्फ्रेंस के दौरान देश की तीनों सशस्त्र सेनाओं के बीच तालमेल को बढ़ावा देने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी भी भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित करेंगे। अगले तीन दिनों में सम्मेलन के दौरान पूर्वी लद्दाख की स्थिति और क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा होने की प्रमुखता से संभावना है। कमांडर पूर्वी लद्दाख के साथ-साथ एलएसी के अन्य क्षेत्रों में समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान सेना के कमांडर उन सुधारों और उपायों पर भी चर्चा कर सकते हैं जिनकी विभिन्न आंतरिक समितियों की ओर से अनुशंसा की गई है।