जम्मू-कश्मीर। टारगेट किलिंग के शिकार दूसरे राज्यों के लोगों को आश्रितों को जम्मू-कश्मीर सरकार एसआरओ-43 के तहत वित्तीय सहायता देगी। जम्मू-कश्मीर में एसआरओ (स्टैचुटरी रेगुलेटरी ऑर्डर) 43 के तहत इससे पूर्व केवल यहां के मूल निवासी ही लाभ ले सकते थे। एसआरओ-43 के तहत आतंकी घटनाओं में मारे जाने वाले आम नागरिकों अथवा कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा आधारित नौकरी का प्रावधान है। बुधवार को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में टारगेट किलिंग में मारे गए दूसरे राज्यों के लोगाें के परिजनों को एसआरओ-43 के तहत वित्तीय सहायता देने की मंजूरी दी गई। पिछले दिनों आतंकी वारदातों में पांच गैर कश्मीरी नागरिकों समेत 11 लोगों की टारगेट किलिंग की गई है। आतंकियों ने 16 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के बढ़ई सगीर अहमद अंसारी और 17 अक्तूबर को कुलगाम में बिहार के दो श्रमिकों राजा और योगेंद्र की हत्या कर दी थी। सरकार की ओर से इनके आश्रितों अथवा निकट संबंधियों को एसआरओ-43 की गाइडलाइन के तहत वित्तीय मदद देगी। एलजी मनोज सिन्हा ने सलाहकार फारूक खान और राजीव राय भटनागर के अलावा मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार की मौजूदगी में यह फैसला लिया।