नई दिल्ली। तीनों सेवाओं की क्षमताओं को एकीकृत करने और उनके संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए महत्वाकांक्षी थिएटर कमांड की योजना बनाई जा रही है। भारत अगले साल के मध्य तक इस योजना का रोडमैप तैयार करेगा। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने रविवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि थिएटर कमांड के वास्तविक संचालन में दो से तीन साल लग सकते हैं। योजना के मुताबिक प्रत्येक थिएटर कमांड में थल सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और ये सभी एक परिचालन कमांडर के तहत एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों की देखभाल करने वाली एक इकाई के रूप में काम करेंगी। वर्तमान में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के पास अलग-अलग कमांड हैं। शुरू में एक एयर डिफेंस कमांड और मैरीटाइम थिएटर कमांड के निर्माण के लिए एक योजना तैयार की गई थी। भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेना प्रमुखों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक बड़े आदेश के तहत थिएटर कमांड की योजना बनाई जा रही है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेवाओं के समन्वय और सैन्य कमान के पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जनरल रावत ने 1 जनवरी 2020 को भारत के पहले सीडीएस के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इसमें तीन सेवाओं के बीच अभिसरण लाने और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सैन्य कमांड का पुनर्गठन करने का आदेश दिया गया था।