नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार शासन को लेकर व्यावहारिक दृष्टिकोण के मद्देनजर युवा पेशेवरों को शामिल करने, सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों से सुझाव लेने और परियोजना निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का बेहतरीन उपयोग करने की योजना बना रही है। इसके अलावा आठ अलग-अलग समूह अन्य विभिन्न कदमों की निगरानी करेंगे। इन समूहों में समूचे मंत्रिपरिषद से सदस्य शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक 77 मंत्रियों को प्रौद्योगिकी-आधारित संसाधनों को विकसित करने तथा उनकी टीमों में भर्ती के लिये पेशेवरों का पूल बनाने के लिए आठ समूहों में बांटा गया है। मोदी सरकार में अधिक पारदर्शिता, सुधार और दक्षता लाने के लिए सभी मंत्रियों के कार्यालयों में इसी तरह की अन्य पहलों को अपनाया जाएगा। हर समूह में एक मंत्री को समन्वयक के रूप में नामित किया गया है। मंत्रियों को आठ समूहों में विभाजित करने का निर्णय पीएम की अध्यक्षता वाली पूरी परिषद के चिंतन शिविरों के बाद की गई, जिसमें से प्रत्येक बैठक लगभग पांच घंटे तक चली। ऐसे कुल पांच सत्र आयोजित किए गए। इनमें व्यक्तिगत दक्षता, केंद्रित कार्यान्वयन, मंत्रालय और हितधारकों के कामकाज, पार्टी समन्वय और प्रभावी संचार तथा संसदीय कामकाज पर चर्चा की गई। पिछले चिंतन शिविर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी भाग लिया था।