नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत लगातार विकास कर रहा है और आने वाले दिनों में जल्द ही यह दुनिया के शिखर पर होगा। लेकिन भारत को दुनिया के देशों को जीतकर विश्व की सबसे ब़ड़ी महाशक्ति नहीं बनना है, बल्कि उसे लोगों का हृदय जीतकर उन्हें उनकी अपने धार्मिक विश्वास और परंपरा के अनुसार विकास करने में सहायता देने वाला पथ-प्रदर्शक बनना है। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले दिनों में विश्वगुरु बनेगा। मोहन भागवत भारत विकास परिषद के संस्थापक डॉ. सूरज प्रकाश की याद में विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कभी पर्शिया के नाम से दुनिया में विख्यात देश अब ईरान बन चुका है और मिस्र अब इजिप्ट बन चुका है। उनका बदलाव इस तरह का हुआ है कि अब वे अपनी जड़ों को तलाशना भी चाहें तो नहीं तलाश सकते। लेकिन भारत अनेक आक्रमणकारियों को झेलते हुए भी अपनी मूल पहचान बचाने में सक्षम हुआ है, तो इसका केवल एक कारण इसकी भारतीयता की आत्मा रही है, जिसमें यह अपने साथ दूसरों के अस्तित्व की चिंता करता है। यह लोगों को अपना अस्तित्व पहचानने में मदद करता है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का यह दायित्व है कि वे समाज को एक दिशा दिखाएं। जिससे समाज के कम पढ़े-लिखे लोग एक बेहतर आदर्श को देखते हुए ही बेहतर कल की तरफ अग्रसर हो सकें। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का ऐसा देश बनना चाहता है, जहां आकर लोग जीवन जीने की कला सीखें और अपने देशों में जाकर अपने-अपने धार्मिक विश्वास और परंपरा के अनुसार अपना जीवन जी सकें।