नई दिल्ली। लंबे समय से क्षेत्रीय सीमा विवाद में उलझे असम और मिजोरम ने अपनी अंतर्राज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने का संकल्प किया। इसके साथ ही दोनों राज्यों ने इन विवादों का निपटारा करने के लिए समितियों का गठन करने का फैसला लिया। इन्हीं विवादों के चलते इस साल जुलाई में हुए संघर्ष में असम पुलिस पांच कर्मचारियों और एक नागरिक की जान चली गई थी। यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा की बैठक में लिया गया। दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच दो दिन में यह दूसरी बैठक है। गुरुवार की रात दोनों नेता रात्रिभोज पर भी मिले थे। सरमा ने सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवादों को समाप्त करने के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री स्तरीय वार्ताओं का आयोजन होता रहेगा। उन्होंने अमित शाह का आभार भी जताया। इससे पहले गुरुवार को जोरमथांगा ने कहा था कि दोनों राज्यों की सरकारें सीमा पर बाड़ (फेंसिंग) को बढ़ाने की कोशिश करेंगी। बता दें कि मिजोरम व असम आपस में लगभग 164 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली में हुई यह बैठक केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दखल देने के बाद हुई है, जो इस विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है। माना जा रहा है कि जब तक यह मामला सुलझ नहीं जाता तब तक केंद्रीय गृह मंत्री लगातार इस पर नजर रखेंगे और दोनों राज्यों से लगातार संपर्क में रहेंगे। उल्लेखनीय है कि ये दोनों ही उत्तर-पूर्वी राज्य सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर अपने-अपने हिसाब से दावे करते हैं।