अब पंचायत सदस्य करेंगे प्राइमरी स्कूलों की निगरानी
जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर ग्रामीण क्षेत्र में तैनात शिक्षक अब बिना अधिकृत अवकाश के ड्यूटी से गैरहाजिर नहीं रह सकेंगे। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी रखने का जिम्मा स्कूल शिक्षा विभाग ने पंचायत सदस्यों को सौंपा है। ये सदस्य स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के साथ-साथ विकास कार्य, शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी नजर रखेंगे और एक रिपोर्ट तैयार करेंगे, जो विभाग के अधिकारियों को हर माह भेजी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। प्राइमरी स्तर के बाद प्रदेश में हर पांचवां बच्चा स्कूल छोड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले स्कूलों में शिक्षा तो है, लेकिन ज्यादातर शिक्षक बिना विभाग की जानकारी के ड्यूटी से नदारद रहते हैं। ऐसे शिक्षकों पर नजर रखने और प्राइमरी स्तर के स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए विभाग ने यह कदम उठाया है। इसके प्रभावी रूप से लागू होने पर शिक्षा स्तर में सुधार के साथ-साथ शिक्षकों की जवाबदेही भी बढ़ेगी। पिछले महीने मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने प्राइमरी स्तर तक के स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए विभाग को स्कूलों की निगरानी में पंचायत सदस्यों को शामिल करने को कहा था। स्कूल शिक्षा विभाग अब पंचायत सदस्य की भागीदारी को बढ़ा रहा है।