हिमाचल प्रदेश। घाटी में बर्फबारी के साथ ही सेना ने सर्दियों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर चुनौतियों को देखते हुए ऑपरेशनल तैयारी शुरू कर दी है। सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों ने पहली बार संयुक्त तौर पर इस तरह के प्रशिक्षण में भाग लिया। तीनों सेनाओं के जांबाजों ने दुर्गम हालातों में दुश्मन से निपटने के लिए अभ्यास किया। इस प्रशिक्षण अभियान का आयोजन उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे इलाके में किया गया। वहां आम तौर पर बीस फुट से अधिक बर्फ और पारा माइनस 25 डिग्री के नीचे रहता है। खुफिया एजेंसियों ने एलओसी पर बर्फबारी के दौरान घुसपैठ को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसी के चलते सरहदी इलाकों में खास अभ्यास का आयोजन किया गया। सेना के हाई एल्टीट्यूट वारफेयर स्कूल के साथ वायुसेना और नौसेना के मारकोस कमांडो भी इसमें शामिल हुए। पहली बार समुद्र में तैनात रहने वाले नौसेना के कमांडो भी एलओसी के करीब दुर्गम पहाड़ों में हुए इस ऑपरेशन में शामिल हुए। प्रशिक्षण अभ्यास में सेना और वायुसेना के एमआई 17 और एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर के अलावा एएच 64ई अपाचे लड़ाकू विमान भी शामिल हुए। एमआई 17 और एएलएच ध्रुव से जवानों को 9,000 फुट की ऊंचाई से बर्फीले मैदान में उतारा गया। इस दौरान ऐसे हालात को दर्शाने की कोशिश की गई जैसा एलओसी पर होते हैं। आने वाले दिनों में ऐसे अभ्यास जारी रहेंगे।