एमपीसी ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर दिया जोर
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में जारी सुधार को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक ने कर्ज सस्ता रखने के साथ डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की रणनीति अपनाई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नरम रुख बनाए रखा और डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर दिया। इसके लिए यूपीआई के जरिये निवेश की सीमा बढ़ाने, बिना इंटरनेट डिजिटल भुगतान सुविधा देने और कार्ड व अन्य माध्यम से लेनदेन पर शुल्क घटाने का फैसला किया गया।
गवर्नर दास ने कहा कि रिटेल डाइरेक्ट स्कीम के जरिये सरकारी प्रतिभूतियों या आईपीओ में यूपीआई से निवेश की सीमा बढ़ा दी गई है। निवेशक अब पांच लाख रुपये तक यूपीआई के जरिये लगा सकेंगे। अभी यह सीमा दो लाख रुपये है। इस बाबत एनपीसीआई जल्द नोटिफिकेशन जारी करेगा। ट्राई के मुताबिक, देश में करीब 40 करोड़ उपभोक्ता अभी फीचर फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके लिए यूपीआई आधारित भुगतान उत्पाद लॉन्च किया जाएगा, ताकि बिना इंटरनेट के भी डिजिटल लेनदेन हो सके। बैठक में क्रेडिट-डेबिट कार्ड, वॉलेट और यूपीआई से लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को घटाने या खत्म करने पर भी चर्चा हुई। दास ने कहा कि हम ग्राहकों पर इसका बोझ घटाने और डिजिटल लेनदेन को और सरल बनाने के लिए जल्द सभी हितधारकों से सुझाव मांगेंगे, जिसके आधार पर शुल्क में बदलाव किया जाएगा।