नई दिलली। एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) के तहत भारत द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमीनार में आतंकवादियों, अलगाववादियों और चरमपंथियों द्वारा इंटरनेट के दुरुपयोग का मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की गई। बीते दिनों खत्म हुई सेमीनार में पाकिस्तान सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमीनार में साइबर आतंकवाद, रैंसमवेयर और डिजिटल फोरेंसिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संभावित सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया। भारत ने 28 अक्टूबर से एक वर्ष की अवधि के लिए एससीओ (आरएटीएस एससीओ) के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे की परिषद की अध्यक्षता ग्रहण की। भारत ने एससीओ और इसके क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ अपने सुरक्षा-संबंधी सहयोग को गहरा करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जो विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों से संबंधित है। यह सेमीनार भारत की अध्यक्षता में आयोजित होने वाला पहला कार्यक्रम है। यह दूसरी बार है जब भारत ने इस तरह के सेमीनार की मेजबानी की है। पहला अगस्त 2019 में हैदराबाद में आयोजित किया गया था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस सेमिनार में नीतियों और रणनीतियों, साइबर आतंकवाद, रैंसमवेयर और डिजिटल फोरेंसिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों को संबोधित किया गया। साथ ही कहा कि इस सेमीनार में बहुआयामी दृष्टिकोण से साइबर क्षेत्र से संबंधित मुद्दों की जांच की गई।