जम्मू-कश्मीर। भद्रवाह में किसान जिस खरपतवार से परेशान थे, आज वही जंगली गेंदा उन्हें अच्छी आमदनी दिला रहा है। वर्तमान में स्थानीय लोग जंगली गेंदे के तुड़ान से रोजाना एक से तीन हजार रुपये कमा रहे हैं। इस सीजन में जंगली गेंदे से 250 लीटर तेल निकाला जा चुका है। अब 300 किसानों को जंगली गेंदे का बीज देकर इसकी खेती को बढ़ावा देने की योजना है। भद्रवाह में इससे पूर्व लैवेंडर और गेंदे की खेती से किसान अच्छी आय ले चुके हैं। भद्रवाह में लैवेंडर की खेती से बैंगनी क्रांति लाने वाले पुरस्कार विजेता किसान तौकीर बागबान ने बताया कि नवंबर में कटाई का सीजन खत्म होने के बाद किसानों के पास कोई काम नहीं रहता था। अरोमा मिशन के तहत सीएसआईआर के सहयोग से अब स्थानीय लोग घर के आसपास और बंजर भूमि पर उगे जंगली गेंदे के तुड़ान से रोजाना एक से तीन हजार रुपये कमा रहे हैं। तौकीर ने बताया कि वह दिल्ली गए थे। वहां सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि भद्रवाह में बड़े पैमाने पर जंगली गेंदा खरपतवार के रूप में उगा हुआ है। इससे तेल निकालकर किसान अपनी आय में सुधार कर सकते हैं। तौकीर ने बताया कि जंगली गेंदे का तेल लैवेंडर की तुलना में दोगुना महंगा है।