हिमाचल प्रदेश। प्रदेश सरकार 1000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने जा रही है। सरकार ने 500-500 करोड़ रुपये की दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। कर्ज को वर्ष 2031 और 2033 तक चुकता किया जाएगा। प्रधान सचिव वित्त ने इसकी अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं। यह ऋण प्रदेश में विकास कार्यों के नाम पर लिया जा रहा है, हालांकि इसे कर्मचारियों को नया वेतनमान देने पर खर्चा किया जाना है। सीएम स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार पर नया वेतनमान देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा। इससे पहले भी सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की अधिसूचनाएं जारी की थीं।
उसके बाद 2021 में 2,000 करोड़ रुपये के कर्ज की 500-500 करोड़ रुपये की चार अधिसूचनाएं हुई थीं। चार महीने में 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की अधिसूचनाएं जारी हुई हैं। अब प्रदेश सरकार पर 65,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया है। राज्य सरकार ने एक जनवरी से कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान जारी करने की घोषणा की है, लेकिन सरकार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। कोविड काल में सरकार और भी आर्थिक तंगहाली से गुजर रही है। पंजाब सरकार के बाद छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतनमान देना प्रदेश सरकार की बाध्यता रही है।