नई दिल्ली। दिल्ली में अब राइड एग्रीगेटर्स (ई-कॉमर्स) और अन्य डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अपने वाहनों के नए बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल होगा। वहीं सरकार ई-वाहनों को अनिवार्य करने के लिए एग्रीगेटर नीति को अधिसूचित करने वाली देश की पहली सरकार बन गई है। नई नीति के मसौदे पर जनता को अपनी राय देने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है। इसके बाद इस नीति को कार्यन्वित किया जाएगा।
वहीं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को अगले तीन महीनों में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से पांच फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों के शामिल करना होगा। वहीं मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों का 50 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना होगा। बता दें कि दिल्ली सरकार एनसीआर के अन्य राज्यों को भी इस नीति को अपनाने के लिए निर्देशित करने को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को प्रस्तुति देगी।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत 14 जनवरी 2022 को एक मसौदा नीति अधिसूचित की थी। इस नीति में सभी एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को परिचालन के लिए अपने नए बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए अनिवार्य किया गया है। इस दौरान इसके साथ ही दिल्ली राइड-हेलिंग उद्योग से वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एग्रीगेटर नीति अपनाने वाला दिल्ली पहला राज्य बन गया है।
बता दें कि वर्तमान में स्वीकृत मसौदा नीति को 60 दिनों की अवधि के भीतर आम जनता के सुझावों और आपत्तियों को आमंत्रित करते हुए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है, जिसके बाद इसे कार्यान्वयन के लिए अधिसूचित किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह नई नीति अपनी तरह की पहली नीति होगी और एग्रीगेटर उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनने के लिए जरूरी प्रोत्साहन प्रदान करेगी।