नई दिल्ली। दिल्ली बजट का पिटारा खुल गया है। सरकार इसे दिल्ली के विकास की कार्ययोजना बता रही है। इसके जरिये सरकार सभी लोगों की जिंदगी में भी बदलाव लाना चाहती है। उनकी भी, जो केंद्र में खड़े हैं या हाशिये पर हैं। सरकार के सीमित संसाधन के बाद भी। जनता की जेब ढीली किए बगैर सरकार की आय भी बढ़ेगी।
कारोबारियों को कमाई और लोगों को नौकरी भी।सड़कों, चौक-चौराहों से गुजरते वक्त भीख मांगते बच्चों को देखकर बहुत पीड़ा होती है। जिनको स्कूल में होना चाहिए, वह सड़क पर हैं। सड़क से हटाकर इनको सुधार गृह भेज दिया जाता है। लेकिन दो-चार साल बाद वह वहां से निकल फिर पुरानी जिंदगी में लौट जाते हैं। यह ठीक नहीं है।
काफी सोच बिचार कर इन बच्चों के लिए बोर्डिंग स्कूल की योजना बनाई। सुधार गृह की जगह अब इनको स्कूल भेजना है। दिल्ली सरकार इनके परिवार की भूमिका में होगी। हर स्तर पर इन बच्चों का ख्याल रखा जाएगा। स्कूल में इनको अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। पढ़ाई का स्तर भी उच्च रखा जाएगा। इससे स्कूल से बाहर वह जिम्मेदार नागरिक बनकर निकलेंगे।