स्वास्थ्य। भारत में कोविड-19 के नए XE वैरिएंट का पहला केस मुंबई में मिलने की खबर ने यह वायरस एक बार फिर चर्चा में आ गया है। हालांकि, खबर के कुछ देर बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित इस महिला में मिला वैरिएंट XE नहीं है। इस मामले की पुष्टि के लिए एक राउंड और जांच होगी, जिसकी रिपोर्ट एक-दो दिनों में आने की संभावना जताई गई है।
अब चलिए जानते है कि भारत को इस XE वैरिएंट से कितना खतरा है। देश में XE वैरिएंट सहित किसी भी वैरिएंट के फैलने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। इसी लिए हमें सभी वैरिएंट को लेकर सर्तक रहने कि जरुरत है।
- XE वैरिएंट ओमिक्रॉन के ही दो सब-वैरिएंट BA.1 और BA.2 के म्यूटेशन से बना है, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि देश में XE वैरिएंट के केस पहले से ही मौजूद हों, लेकिन अभी उनकी पहचान नहीं हो पाई हो।
- 27 मार्च से इंटनेशनल फ्लाइट्स का ऑपरेशन शुरू कर चुका है। ऐसे में विदेशों से भी XE वैरिएंट के आने का खतरा बरकरार है।
- अगर जानकारों कि सुने तो, अभी के लिए भारत को XE वैरिएंट से ज्यादा खतरा नहीं है, इसका कारण यह है कि XE ओमिक्रॉन से जुड़ा सब-वैरिएंट है, जिसकी लहर हाल ही में देश से गई है, ऐसे में ओमिक्रॉन से पैदा हुई इम्यूनिटी के इतनी जल्दी खत्म होने की संभावना नहीं है कि XE वैरिएंट लोगों को प्रभावित कर सके।