यात्रा। काल भैरव का मंदिर उज्जैन बस स्टेण्ड से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। आपको बता दें कि काल भैरव मंदिर शहर के संरक्षक देवता महाकाल के एक रूप भैरव को समर्पित है। हिंदुओं के बीच काल भैरव मंदिर का विशाल धार्मिक महत्व है, जो इसे उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थल में से एक बनाता है।
जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु काल भैरव का आश्रीबाद लेने के लिए आते है। इस मंदिर में काल भैरव की मूर्ति को तांत्रिक अनुष्ठान के एक हिस्से के रूप में शराब अर्पित की जाती है। यदि आप काल भैरव मंदिर की यात्रा, मंदिर का इतिहास और काल भैरव मंदिर का रहस्य के बारे में जानने के लिए उत्सुक है, तो इसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़े….
काल भैरव मंदिर का इतिहास:– आपको बता दे कि काल भैरव मंदिर का इतिहास लगभग 6000 साल पुराना माना जाता है, लेकिन अभी तक इसके कोई ठोस सबूत सामने नही आये है, लेकिन कहा जाता है की काल भैरव मंदिर को लगभग 1000 वर्ष पहले परमार राजाओं द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। इस निर्माण कार्य के लिए केवल मंदिर की पुरानी सामग्री का उपयोग किया गया था।
काल भैरव मंदिर का रहस्य:– हमारे देश में कई मंदिर हैं, जो अपनी अनोखी परंपराओं और रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित, भगवान काल भैरव का मंदिर है। इस मंदिर की चमत्कारी और रहस्यमयी बात यह है कि यहां स्थित काल भैरव की मूर्ति शराब का सेवन करती है।
आश्चर्य की बात यह है कि जिस पात्र में शराब परोसी जाती है, वह खाली हो जाता है, जिसका रहस्य आज भी बना रहस्य ही बना हुआ है। माना जाता है कि कुछ सालो पहले ब्रिटिश अधिकारी ने इस रहस्य का पता लगाने के लिए बाबा काल भैरव की मूर्ति के आसपास काफी खुदाई करवाई थी,
लेकिन उसके बाबजूद भी इस रहस्य का पता नही लगया जा सका। साथ इस मंदिर के संबंध में यह भी कहा जाता है, प्राचीन समय में यहाँ तांत्रिक सिर्फ आते थे और यहाँ आकर तांत्रिक क्रियाएं करते थे और माना जाता यहाँ किया गया तंत्र कभी भी विफल नहीं होता है।
काल भैरव मंदिर का पौराणिक संबंध:– मंदिर के पुजारी के मुताबिक इस मंदिर का वर्णन स्कंद पुराण के अवंति खंड में मिलता है। साथ ही इस मंदिर के साथ किंवदंतियाँ भी जुड़ी हुई हैं, जिसके मुताबिक उज्जैन के भगवान महाकाल ने इस स्थान पर शहर की रक्षा के लिए काल भैरव को नियुक्त किया था। इसलिए काल भैरव को उज्जैन शहर का कोतवाल भी कहा जाता है।
काल भैरव मंदिर के दर्शन का समय:– काल भैरव मंदिर उज्जैन की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को बता दे कि काल भैरव मंदिर प्रतिदिन सुबह 5.00 बजे से रात 9.00 बजे तक खुला रहता है। आप इस दौरान दिन के किसी भी समय काल भैरव के दर्शन के लिए जा सकते है।
काल भैरव मंदिर का प्रवेश शुल्क:– आप यदि भैरव बाबा मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है और काल भैरव मंदिर की एन्ट्रेंस फीस को सर्च कर रहे है, तो हम आपकी इन्फोर्मेशन के लिए बता दे कि काल भैरव मंदिर में प्रवेश और काल भैरव के दर्शन के लिए कोई फीस नही लगती है।
काल भैरव मंदिर के आसपास के प्रमुख पर्यटक स्थल– आप यदि अपने परिवार के साथ उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थल काल भैरव मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे है, तो क्या आप जानते है? उज्जैन में काल भैरव मंदिर के अलावा भी एक से बढ़कर एक धार्मिक और पर्यटक स्थल मौजूद है, जिन्हें आप अपनी काल भैरव मंदिर की यात्रा में घूमने जा सकते है:-
- महाकालेश्वर मंदिर
- मंगलनाथ मंदिर
- राम मंदिर घाट
- कलियादेह पैलेस
- हरसिद्धि माता मंदिर
- जंतर मंतर
- वेधशाला
- विक्रम कीर्ति मंदिर संग्रहालय
- गोपाल मंदिर
- गदकालिका मंदिर
- चौबीस खंबा मंदिर
- चिंतामन गणेश मंदिर
- इस्कॉन मंदिर
- भर्तृहरि गुफाएं
- बडे गणेशजी
- गोमती कुंड
- घदूत रिज़ॉर्ट वाटर पार्क और क्लब
- शनि मंदिर
उज्जैन घूमने जाने का सबसे अच्छा समय:- वैसे तो श्रद्धालु बर्ष के किसी भी समय भैरव बाबा मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते है, लेकिन यदि आप काल भैरव मंदिर के साथ– साथ उज्जैन के प्रमुख मंदिर और पर्यटक स्थलों की यात्रा भी करने वाले है, तो उसके लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे बेस्ट टाइम होता हैं,
क्योंकि इस समय उज्जैन का मौसम बहुत खुशनुमा होता है। आपको बता दें कि गर्मियों में उज्जैन का तापमान तुलनात्मक रूप से मध्य प्रदेश के अन्य भागों की तरह 45 डिग्री सेल्सियस के साथ उच्च तापमान तक पहुंच जाता है, इसलिए उज्जैन में सर्दियों के दौरान घूमना सबसे अच्छा माना जाता है।
उज्जैन में रुकने के लिए होटल्स:– हम अक्सर किसी भी पर्यटक स्थल की यात्रा पर जाने से पहले अपनी यात्रा में रुकने के लिए सबसे अच्छी और अपने बजट के मुताबिक होटलों को सर्च करने लगते है।
यदि आप भी उज्जैन की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स को सर्च कर रहे है, तो हम आपकी इन्फोर्मेशन के लिए बता दे कि उज्जैन में सभी बजट की होटल्स और धर्मशाळायें उपलब्ध है, जिनका पर्यटक अपने बजट और चॉइस के अनुसार सिलेक्शन कर सकते है।
- होटल शिप्रा वेन्यू
- होटल रामेश्वरम
- शांति गेस्ट हाउस
- होटल एम् जे)
- मानसरोवर गेस्ट हाउस
काल भैरव मंदिर उज्जैन केसे पहुंचे:– काल भैरव मंदिर उज्जैन की यात्रा पर जाने वाले पर्यटकों को हम बता दें कि आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी अपनी चॉइस के अनुसार सिलेक्शन कर सकते हैं।
फ्लाइट से काल भैरव मंदिर केसे पहुंचे:– महारानी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट जो उज्जैन से लगभग 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डे भारत के प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
आप भारत के किसी भी प्रमुख शहरों से महारानी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर सकते है और एयरपोर्ट पहुंचने के बाद बस, टेक्सी या केब बुक करके काल भैरव मंदिर पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से काल भैरव मंदिर केसे जाएँ– यदि आपने काल भैरव मंदिर उज्जैन की यात्रा के लिए ट्रेन से ट्रेवल करने के ऑप्शन का सिलेक्शन किया है, तो ट्रेन से यात्रा करना आपके लिए एक कम्फ़र्टेबल ऑप्शन साबित हो सकता है। उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन अपने आप में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है,
जो देश के सभी प्रमुख स्टेशनों से ट्रेन रूट से जुड़ा हुआ है। काल भैरव मंदिर रेलवे स्टेशन से लगभग 6.0 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, श्रद्धालु रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद स्थानीय परिवहनो की मदद से काल भैरव मंदिर पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से काल भैरव मंदिर से जाएँ:– आप अगर भैरव बाबा मंदिर उज्जैन बस या सड़क मार्ग से आना चाहते हैं, तो जान लें कि उज्जैन में प्रमुख बस स्टेशन देवास गेट और नानाखेड़ा हैं। मप्र के प्रमुख शहरों से उज्जैन के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं,
सुपर फास्ट और डीलक्स ए/सी बसें भी इन मार्गों में उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप अपने निजी वाहन से यात्रा करके भी काल भैरव मंदिर जा सकते है।