नई दिल्ली। देश की मोबाइल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ब्रांड के मालिक वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) ने मार्च 2022 को समाप्त तिमाही और वित्त वर्ष 2022 के परिणाम की घोषणा की है। कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2022 में 77 प्रतिशत बढ़कर 4,974 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वर्ष 2,802 करोड़ रुपये था।
Q4 में कंपनी का राजस्व साल-दर-साल आधार पर 89 फीसदी बढ़कर 1,541 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही यानी 31 मार्च 2022 को खत्म हुए तीनों महीनों के दौरान उसे सालाना (YOY) आधार पर 762.5 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है।
बावजूद इसके कंपनी ने दावा किया है कि उसका बिजनेस सही हो रहा है। कंपनी का मानना है कि EBITDA के मामले में वो सितंबर 2023 के तिमाही नतीजे आने तक ब्रेक-इवेन की हालत में आ जाएगी।
पिछले साल की तुलना में 8 फीसदी घाटा हुआ कम:- कंपनी ने चौथी तिमाही में 1541 करोड़ रुपये की राजस्व हासिल किया है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 89 फीसद अधिक है। चौथी तिमाही में उसका EBITDA लॉस (ESOP की लागत से पहले) 368 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 52 करोड़ रुपये ज्यादा है।
2021-22 के पूरे वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का EBITDA लॉस (ESOP की लागत को छोड़कर) 1,518 करोड़ रुपये रहा है, जो फाइनेंशियल इयर 2020-21 के 1,655 करोड़ रुपये के घाटे की तुलना में 8 फीसदी कम है। वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में कंपनी की लागत संरचना वित्त वर्ष 2023 में इसकी विकास योजनाओं को सपोर्ट करने के लिए काफी हद तक पर्याप्त है।
कंपनी का मानना है कि यह एबिटडा घाटे में तुरंत कमी दिखाएगा और सितंबर 2023 तिमाही तक लाभप्रदता (ईएसओपी से पहले) हासिल करने के लिए अच्छी तरह से ट्रैक पर है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 में अपने औसत मासिक लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ताओं में 60.8 मिलियन की ग्रोथ दर्ज की है।
पिछली तिमाही में यह औसत बढ़कर 70.9 मिलियन हो गया है। पेटीएम का मर्चेंट बेस भी अब बढ़कर 26.7 मिलियन मर्चेंट पार्टनर हो गया है। उपभोक्ता जुड़ाव और व्यापारी आधार में वृद्धि से भुगतान सेवाओं (उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों के लिए) से राजस्व में वृद्धि हुई है।