योग। वैश्विक आंकड़े के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में तनाव-चिंता के साथ अल्जाइमर जैसे मनोरोगों के मामले में तेजी से उछाल देखा गया है। माना जाता है कि, अल्जाइमर जैसी समस्याएं आमतौर पर 70 साल की उम्र के बाद होती हैं, लेकिन बिगड़ती जीवनशैली के कारण पिछले कुछ वर्षों में 40 साल से कम उम्र के लोगों में भी तनाव का बढ़ता स्तर इस बीमारी का जोखिम बढ़ाने वाला पाया गया है।
अल्जाइमर रोग के साथ-साथ कई तरह की अन्य मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं भी एक बड़ा चैलेंज बनी हुई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक जिस तरह से इन रोगों का जोखिम बढ़ता जा रहा है ऐसे में कम उम्र से ही लोगों को इससे बचाव के लेकर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
मानसिक रोगों के साथ शारीरिक समस्याओं से बचाव के लिए भी योगासनों को जीवनशैली का हिस्सा बनाना काफी फायदेमंद हो सकता है। कई तरह के योगासनों का अभ्यास आपमें तनाव-चिंता को दूर करने के साथ अल्जाइमर जैसी दिक्कतों से बचाने में भी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से योगासनों के अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं-
वज्रसान योग के फायदे:-
वज्रासन योग न केवल मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है, साथ ही पाचन अम्लता और पेट में गैस बनने को कम करता है। बुढ़ापे में अल्जाइमर और कई तरह के अन्य मनोरोगों से बचे रहने के लिए वज्रसान योग के अभ्यास की आदत आपको लाभ दे सकती है।
सिद्धासन योग:-
सिद्धासन योग का अभ्यास सिद्धि की मुद्रा पर ध्यान करने का तरीका है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए इसके कई तरह से लाभ देखने को मिलते हैं। कूल्हों और कमर/जांघ की भीतरी मांसपेशियों में लचीलेपन को बढ़ाने के साथ मनोविकारों से बचाने में भी इस योग के नियमित अभ्यास की आदत आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकती है। सिद्धासन योग, मेडिटेशन अभ्यास का ही एक प्रकार है।
पश्चिमोत्नासन योग:-
पश्चिमोत्नासन योग को बेहद कारगर योगाभ्यासों में से एक माना जाता है। यह विशेष रूप से उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित लोगों को बहुत लाभ प्रदान करता है। शरीर को स्थिर करने के साथ मन को शांत करने में पश्चिमोत्नासन योग के नियमित अभ्यास को फायदेमंद माना जाता है। यह सिर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने में सहायक अभ्यास है जिससे मन को आराम मिलता है और अनिद्रा, अवसाद और चिंता जैसी समस्याएं कम होती हैं।