जानें कहां से आया ‘OK’ शब्‍द…

रोचक जानकारी। हम सभी अपनी बातचीत में रोज ना जाने कितनी बार OK शब्द का इस्तेमाल करते हैं। ये एक ऐसा शब्द है जो हर भाषा में फिट हो चुका है। ये अंग्रेजी में हेलो के बाद सबसे ज्यादा प्रयोग में आना वाला शब्द है। इसका प्रयोग लोग हिंदी बोलचाल में सबसे ज्यादा करते हैं। क्या आप जानते है कि ओके शब्द कहां से आया?

आमतौर पर हर शब्द और फ्रेज की अपनी कहानी होती है। ओके शब्द की पृष्ट-भूमि खंगालिए तो विचित्र कहानियाँ सुनने को मिलती हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ये अंग्रेजी नहीं बल्कि स्पेनिश से आया शब्द है। लेकिन असल में ये अमेरिकी अंग्रेजी शब्द है।

अब हर भाषा में इस्तेमाल होता है ये शब्द

वैसे दिलचस्प बात ये भी है कि अब शायद दुनिया की हर भाषा में ओके का इस्तेमाल होने लगा है। बस उसके उच्चारण का तरीका कुछ अलग हो सकता है। कहीं ओकी तो कहीं ओकेज, कहीं ओकेई के तौर पर इसे बोला जाता है लेकिन किसी भी भाषा में जब इसे सुनेंगे तो पता लग जाएगा कि बोला तो ओके ही जा रहा है।

क्या है इसके शुरुआत की कहानी:-

इस शब्द की शुरुआत के बारे में आम ख़्याल ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन ने All Correct के स्थान पर उसके संक्षिप्त रूप oll correct के अथवा ओके का चलन किया। हालांकि भारत और पाकिस्तान में माना जाता है कि ओके का चलन जार्ज वाशिंगटन या अब्राहम लिंकन की देन है। हालांकि कुछ लोग किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इस शब्द की शुरुआत की बात को गलत मानते हैं।

इससे ज़रा अच्छी और विश्वसनीय कहानी राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार के बारे में है जिसका चुनाव अभियान सन 1800 ई. के क़रीब शुरू हुआ था। उम्मीदवार का पुश्तैनी गांव न्युयार्क राज्य में था और उसका नाम था Old Kinderhook। इसलिए उसके समर्थकों ने उसी नाम के शुरू के अक्षरों को लेकर एक OK ग्रुप बना लिया।

एक कहानी ये भी:-

अमेरिकी रेलवे के शुरू के समय में एक पोस्टल क्लर्क की कहानी ओके से जुड़ी मिलती है, जिसका नाम Obaidiah Kelly था। हर पार्सल पर निशानी के लिए वह अपने नाम के प्रारंभ के अक्षर OK दर्ज कर देता था, जिसे लोग ये समझते कि ओके का मतलब सबकुछ ठीक।

ओके मतलब हां ठीक है:-

कहा जाता है कि रेड इंडियन क़बीले चटकाव का सरदार एक दिन क़बीले के प्रतिनिधियों की बात सुन रहा था। हर बात पर ‘ओके, ओके’ कहता जाता था जिस का अर्थ था ‘हां ठीक है’। किसी अमेरीकी पर्यटक ने इस घटना को देख लिया। फिर अपने साथियों में इस शब्द को प्रचलित कर दिया।

अब सबकी जुबान पर रहता है ओके:-

अब तो ये शब्द पिछले 05-06 दशकों से दुनिया की हर भाषा की जुबान पर चढ़ चुका है। इसे हल्के-फुल्के लहजे के तौर पर बोले जाने वाले शब्द का दर्जा मिल चुका है। अब तो ये मजदूर से लेकर स्टूडेंट और बॉस से लेकर मातहत तक इसका इस्तेमाल करते थे। इस शब्द को बाज़ारी बोलचाल से संजीदा लेखन में आने का रुतबा मिल चुका है।

 

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