बिना क्‍वालिटी सर्टिफिकेट के मैदा, सूजी और आटा के निर्यात पर रोक

कारोबार। केंद्र सरकार ने मैदा, सूजी और साबूत आटे के निर्यात  पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) की ओर से सोमवार को जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक अब गेहूं के आटे, मैदा और सूजी के कारोबारी बिना क्वालिटी सार्टफिकेट के इसे निर्यात नहीं कर सकेंगे।

डीजीएफअी की ओर से कहा गया है कि गेहूं का आटा, मैदा, सूजी और साबुत आटा के निर्यात पर प्रतिबंधन नहीं है पर इन चीजों के निर्यात के लिए अंतर मंत्रालयी समिति की मंजूरी लेनी जरूरी होगी।

सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार ये प्रतिबंध 14 अगस्त से प्रभावी होगा। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि आठ अगस्‍त से 14 अगस्त के बीच मैदा और सूजी के उन खेपों को निर्यात की अनुमति दी जाएगी जिन जहाजों पर लोडिंग अधिसूचना जारी होने के पहले ही शुरू हो गई है।

अंतर मंत्रालयी परिषद् की ओर से शिपमेंट्स को निर्यात की मंजूरी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के निर्यात निरीक्षण परिषद् की ओर से गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही मिल सकेगी।

इस साल मई महीने में केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। उस दौरान गेहूं का निर्यात बढ़ने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतें आसमान छूने लगी थीं। उसके बाद जुलाई महीने में गेहूं के आटे के निर्यात पर भी सरकार ने रोक लगा दी थी। बीते छह जुलाई को जारी डीजीएफटी की अधिसूचना में गेहूं के आटे के निर्यात के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया। अब गेहूं के आंटे के निर्यात के बाद सरकार ने मैदा और सूजी जैसे उत्पादों के निर्यात पर भी सख्ती बढ़ाने का फैसला ले लिया है।

 

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