सुप्रीम कोर्ट ने भंग की AIFF के प्रशासकों की समिति

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा द्वारा भारतीय फुटबॉल महासंघ को निलंबित किए जाने के मामले पर सुनवाई के दौरान कहा है कि, अगले आदेश तक प्रशासकों की समिति (सीओए) भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) के मामलों पर हस्तक्षेप नहीं करेगी। और साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने 28 अगस्त को होने वाले ओआईएफएफ के चुनाव भी टाल दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि, एआईएफएफ पर लगा फीफा का निलंबन रद्द हो और भारत में अंडर -17 महिला फीफा विश्व कप आयोजित हो सके। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भारत की टीमों को खेलने की अनुमित मिले। एआईएफएफ की समिति में कुल 23 सदस्य होंगे। इसमें छह प्रतिष्ठित खिलाड़ी हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक यही स्थिति बनी रहेगी।

प्रशासकों की समिति भंग:-
इस मामले पर लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति भंग कर दी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 अगस्त को बनाया था। इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप शामिल थे। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया, जिसमें कार्यों के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया गया था।

कोर्ट ने स्वीकार की केन्द्र सरकार की अपील:-
केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से प्रशासकों की समिति (सीओए) को हटाने की अपील की और कहा कि भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) को अब एआईएफएफ प्रशासन के हवाले कर दिया जाना चाहिए, जिसकी अगुआई कार्यवाहक महासचिव कर रहे हैं। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट प्रशासकों की समिति से कहे कि वो एआईएफएफ के संविधान का अंतिम मसौदा 23 अगस्त तक कोर्ट में दें। इसी के साथ एआईएफएफ में सीओए का हस्तक्षेप खत्म हो जाना चाहिए। कोर्ट ने केन्द्र सरकार की अपील स्वीकार कर ली है।

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