जानें काशी से जुड़े इन रहस्‍यों के बारे में…

यात्रा। काशी या बनारस, एक ऐसा शहर जिसने प्राचीन सभ्यता को देखा है। बनारस को दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि इसे रोम से भी पहले बसाया गया था। आज हम आपको बताने जा रहे हैं काशी के बारे में कुछ ऐसे रहस्य जो पौराणिक कथाओं से जुड़े हुए हैं।

काशी से जुड़ी पौराणिक मान्यता:-

काशी से जुड़ी सबसे प्रचलित मान्यता है कि इस नगरी को शिव के त्रिशूल पर बसाया गया है। शिव ने अपने त्रिशूल को सामने किया और उसके बाद काशी नगरी का निर्माण हुआ। यही कारण है कि इस नगरी को हिंदू धर्म के लिए बहुत विशेष माना जाता है।

महादेव का निवास स्थान:-

मान्यता है कि महादेव को काशी इतना प्रिय है कि उन्होंने विष्णु जी से इसे अपने निजी स्थान बनाने के लिए मांग लिया और तब से ही महादेव काशी में निवास करते हैं।

काशी के हैं कई नाम:-

लोग काशी, बनारस और वाराणसी को ही जानते हैं, लेकिन असल मायने में प्राचीन काल में इसके कई नाम हुआ करते थे। इसे अविमुक्ता, आनंदवन, रुद्रावास, महाशमशान नाम से भी जानते थे। इसे मोक्ष का शहर माना जाता है और इसलिए इसे महाशमशान नाम भी दिया गया था।

बिना काल भैरव के दर्शन पूरा नहीं होता मोक्ष:-

काल भैरव को बनारस का चौकीदार माना जाता है। काल भैरव का मंदिर काफी छोटा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसकी मान्यता भी छोटी है। माना जाता है कि काल भैरव के दर्शन के बिना आत्मा का स्वर्ग में जाने का रास्ता पूरा नहीं हो पाता है। अगर किसी को मोक्ष चाहिए तो उसके लिए काल भैरव के दर्शन जरूरी है।

बीमारी दूर करने वाला पानी:-

बनारस में एक धनवंतरी कूप है जो मृत्युंजय महादेव मंदिर के पास है। माना जाता है कि अगर कोई इस कूप का पानी 45 दिनों तक पी लेता है तो उसकी बीमारी ठीक हो जाती है। ऐसी मान्‍यता है कि वैद्य धनवंतरी ने इस कूप में कई सालों तक तपस्या की थी और उनकी तपस्या के कारण ही ऐसा फल मिलता है। इस पानी की खासियत ये है कि आठ घाट में आठ अलग स्वाद का पानी है।

पाताल लोक से आते हुए पानी का रहस्य:-

बनारस के एक और रहस्य में शुमार है लोलार्क कुंड का पानी। इसमें पानी ना तो बारिश से आता है ना ही किसी तालाब या जलस्त्रोत से। मान्‍यता है कि इस कुंड का पानी पाताल लोक से भरता है। स्कंद पुराण में भी इसका जिक्र है। इसे सूर्य कुंड भी कहा जाता है क्योंकि शुक्ल पक्ष के भाद्रपद में इस कुंड में सूरज की किरणें पड़ती हैं और बालासन योग जैसी आकृति पड़ती है। माना जाता है कि जो महिला इस समय यहां नहाती है उसे संतान सुख प्राप्त होता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *