नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित और पूरी तरह से स्वदेशी पिनाका रॉकेट की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है। पिछले कुछ हफ्तों में बालासोर और पोखरण में पिनाका की बढ़ी हुई क्षमताओं का परीक्षण किया गया। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया की सफलता में मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड सहित अन्य निर्माताओं ने इस परीक्षण के पूरा होने और पिनाका की क्षमताओं को बढ़ाने में काफी सहयोग किया।
जानते हैं रॉकेट प्रणाली के बारे में:-
पिनाका एमके-आई एक अपग्रेटेड रॉकेट प्रणाली है, जिसका पहले भी कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी के आधार पर इन रॉकेट प्रणालियों को विकसित किया गया है। पिनाका एमके-आई रॉकेट प्रणाली की मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है। वहीं, पिनाका-II रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है। इस रॉकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है।