असंतुलित हार्मोंस को ठीक करता है ये योगासन…

योग। शरीर में अगर हार्मोंस असंतुलित होते हैं, तो इससे हेल्थ से जुड़ी कई तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं। हार्मोंस हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं। ये ना सिर्फ शरीर को एनर्जी देते हैं, बल्कि शरीर की ग्रोथ और मेटाबॉलिज्म को सही बनाए रखने में मदद करते हैं।

अगर यही हार्मोंस असंतुलित हो जाएं तो, शरीर में दर्द, थकान, नींद में परेशानी, स्किन की समस्या, मोटापा, दुबलापन, अनियमित पीरियड्स जैसी परेशानी देखने को मिल सकती हैं। इस असंतुलित हार्मोंस को ठीक करने के लिए सेहत को ठीक रखना ज़रूरी है। हार्मोंस असंतुलन को ठीक करने में भुजंगासन योग बेहद कारगर होता है। इस योग को करने से हार्मोंस संतुलित रहते हैं। चलिए जानते हैं भुजंगासन कैसे करते हैं और इससे क्या फायदे होते हैं  

भुजंगासन के फायदे:-

भुजंगासन असंतुलित हार्मोंस को ठीक करने में काफी सहायक हो सकता है। इसे कोबरा पोज भी कहा जाता है। पीछे की ओर झुककर इस आसन को किया जा सकता है। इस आसन को करने से हेल्थ से जुड़े कई फायदे देखने को मिल सकते हैं।

–इससे असंतुलित हार्मोंस को ठीक किया जा सकता है।

-इस योगासन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

-भुजंगासन से दिल की सेहत अच्छी रहती है।

-पीठ दर्द से आराम मिलता है।

-पीरियड्स से सम्बंधित परेशानी भी दूर रहती है। इस आसन को 3 से 6 बार दोबाराना है।

कैसे करें भुजंगासन:-
-मैट बिछाकर जमीन में पेट के बल लेट जाएं।
-अपने हाथों कि हथेलियों को अपने कंधों के नीचे रखें।
-पैरों को एक साथ जोड़कर रखें।
-बाहों को सीधा करते हुए हाथ के बल ऊपरी शरीर के हिस्से को उठाएं।
-धीरे-धीरे शरीर को नीचे करने से पहले रोककर रखें।

अन्य योग भी हैं मददगार:-
-असंतुलित हार्मोंस को ठीक करने के लिए उष्ट्रासन यानी कि कैमल पोज, ससंगासन, रेजिस्टेंस एंड वेट्स, हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेंनिंग, वाकिंग, शलभासन आदि भी फायदेमंद हो सकते हैं।
–सेतु बंध सर्वागासन से भी असंतुलित हार्मोंस को ठीक किया जा सकता है। इससे थायराइड में सुधार होता है।
-बद्ध कोणासन करने से पीसीओडी की समस्या से राहत मिलती है।
-मलासन से मांसपेशियों को टोन करने के साथ हार्मोंस को संतुलित रखने में मदद मिलती है।

 

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