वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के मामले पर सोमवार को फैसला आने वाला है। ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के मामले पर आज दोपहर 2 बजे कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत मामले की पोषणीयता यानी मुकदमा चलने योग्य है या नहीं, इस पर फैसला सुनाएगी। जिला जज के फैसले पर सभी की नजरें हैं।
अदालत के फैसले से यह तय हो जाएगा कि देश की आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को ज्ञानवापी में मस्जिद थी या मंदिर। इसके साथ ही प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट 1991 लागू होगा या नहीं। इसे लेकर वाराणसी प्रशासन एहतियातन पूरी तरह अलर्ट है। शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है। काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र-ज्ञानवापी परिसर छावनी में तब्दील है।
सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सोमवार सुबह कचहरी परिसर की गहन चेकिंग की गई। इधर, कोर्ट के फैसले से पहले मंदिरों में पूजा-पाठ का दौर भी शुरू हो गया।
लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों पुलिस का फ्लैग मार्च:-
ज्ञानवापी के फैसले को लेकर प्रदेश भर में पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में है। लखनऊ और आजमगढ़ समेत प्रदेश के कई शहरों में पुलिस फ्लैग मार्च किया। लखनऊ पुलिस आयुक्त एसबी शिरोडकर ने कहा कि आज महत्वपूर्ण फैसला आने वाला है। हमलोगों ने फ्लैग मार्च कर सुरक्षा व्यवस्था की निरीक्षण किया।
18 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था। 16 मई 2022 को सर्वे की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 मई 2022 से इस मामले में जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आज फैसला आने वाला है।
शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की करेंगे मांग :-
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अगर फैसला हमारे पक्ष में आता है तो फिर हम एएसआई सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा।